NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / अयोध्या केस: हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने 40 दिन की सुनवाई में क्या-क्या दलीलें दीं, जानें
    अगली खबर
    अयोध्या केस: हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने 40 दिन की सुनवाई में क्या-क्या दलीलें दीं, जानें

    अयोध्या केस: हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने 40 दिन की सुनवाई में क्या-क्या दलीलें दीं, जानें

    लेखन मुकुल तोमर
    Oct 16, 2019
    06:31 pm

    क्या है खबर?

    अयोध्या विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई।

    40 दिन चली इस सुनवाई में 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर दावा करने वाले तीन पक्षों, निर्मोही अखाड़ा, राम लला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड, ने अपनी दलीलें रखीं।

    सभी पक्षों ने जमीन पर मालिकाना हक और उसके भगवान राम का जन्मस्थान होने या न होने समेत कई बिंदुओं पर दलीलें पेश कीं।

    आइए कोर्ट में पेश की गई ऐसी ही मुख्य दलीलों के बारे में जानते हैं।

    मालिकाना हक

    तीनों पक्षों ने पेश किया जमीन पर मालिकाना हक

    तीनों ही पक्षों ने जमीन पर अपना मालिकाना हक बताया।

    निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि विवादित जमीन 100 साल से भी अधिक समय से उनके पास है। मालिकाना हक के दस्तावेजों के बारे में अखाड़ा ने कहा था कि वह 1983 की एक डकैती में चोरी हो गए थे।

    वहीं रामलला विराजमान ने जमीन पर अपना मालिकाना हक बताते हुए कहा था कि काूनन की नजर में भगवान नाबालिग होते हैं और एक नाबालिग की संपत्ति छीनी नहीं जा सकती।

    मुस्लिम पक्ष

    मुस्लिम पक्ष की दलील, जमीन पर थी मस्जिद इसलिए हमारा हक

    सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित जमीन पर अपना दावा पेश करते हुए कहा था कि हिंदू पक्ष केवल अपने विश्वास के आधार पर जमीन पर अपना दावा पेश कर रहे हैं।

    उसने कहा कि विवादित स्थल भगवान राम का जन्मस्थल नहीं है और इस जगह पर बाबरी मस्जिद थी जिसका निर्माण बाबर के शासन में किया गया था।

    मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि राम पूज्यनीय हैं, लेकिन उनके नाम पर जमीन पर दावा नहीं किया जा सकता।

    हिंदू पक्ष

    हिंदुओ की आस्था, अयोध्या में हुआ था भगवान का जन्म

    आस्था और पूजा के मसले पर हिंदू पक्ष ने दलील रखते हुए कहा कि हिंदू आस्था है कि अयोध्या में भगवान राम का जन्म हुआ था और विवादित जमीन उनकी है।

    हिंदू धर्म में किसी जगह की पूजा के लिए वहां मूर्ति होना जरूरी नहीं है और नदियों और सूर्य की भी पूजा की जाती है।

    उन्होंने कहा कि विवादित स्थल पर मुस्लिमों ने दिसंबर 1949 से नमाज पढ़ना पूरी तरह बंद कर दिया था।

    जानकारी

    नमाज पढ़ने से मुस्लिमों की नहीं हो जाती कोई भी जगह

    हिंदू पक्ष ने ये भी दलील दी कि अगर मुस्लिमों ने विवादित स्थल पर नमाज पढ़ी भी हो तो भी वह इस पर दावा नहीं कर सकते। अगर मुस्लिम गली में नमाज करें तो गली उनकी नहीं हो जाती।

    मुस्लिम पक्ष

    मुस्लिम पक्ष ने कहा, भीतर आंगन में मूर्ति पूजा के कोई सबूत नहीं

    वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अपनी दलील में कहा कि ये कहना गलत है कि 1949 के बाद विवादित स्थल पर नमाज नहीं पढ़ी गई।

    उसने कहा कि हिंदू पहले बाहरी हिस्से में स्थित राम चबूतरे पर भगवान राम की पूजा करते थे और इसे ही उनका जन्मस्थल माना जाता था।

    लेकेिन 1949 में मूर्तियों को राम चबूतरे से उठाकर भीतर आंगन में रखा गया। गर्भगृह में भी मूर्ति पूजा के कोई सबूत नहीं हैं।

    हिंदू पक्ष

    "विवादित स्थल पर मंदिर किसने तोड़ा, इस पर तथ्य साफ नहीं"

    विवादित स्थल पर ऐतिहासिक रूप से कौन सा स्थल था, इस पर हिंदू पक्ष ने कहा कि ईसा पूर्व यहां एक विशाल मंदिर था और बाद में इसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई।

    मंदिर को किसने तोड़ा, इस सवाल के जवाब में हिंदू पक्ष ने कहा कि मंदिर बाबर ने तोड़ा या औरंगजेब ने, इसे लेकर एक समान तथ्य नहीं है, लेकिन ये साफ है कि राम अयोध्या के राजा थे और उनका जन्म यहीं हुआ था।

    दलील

    हिंदू पक्ष ने मस्जिद में इंसानों और जानवरों की तस्वीरों का भी दिया हवाला

    हिंदू पक्ष ने कहा कि बाबरी मस्जिद में इंसानों और जानवरों की तस्वीरें बनी हुई थीं जो इस्लाम के खिलाफ है और मुस्लिम नमाज की जगह पर किसी की तस्वीर नहीं रखते।

    इससे ये दावा खारिज होता है कि यहां ऐतिहासिक रूप से मस्जिद थी।

    हिंदू पक्ष ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कहा गया था कि विवादित स्थल पर एक मंदिर था।

    प्रतिक्रिया

    मुस्लिम पक्ष का जवाब, ASI रिपोर्ट प्रमाणिक सबूत नहीं

    मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की दलीलों के विरोध में कहा कि ASI की रिपोर्ट में ये स्पष्ट नहीं है कि क्या विवादित स्थल पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी और इसलिए इसे प्रमाणिक सबूत नहीं माना जा सकता।

    उन्होंने कहा कि मस्जिद के केंद्रीय गुंबद को भगवान राम का जन्मस्थल बनाने की कहानी 1980 के बाद गढ़ी गई।

    1949 में मूर्तियों को भीतर आंगन में रखा गया और हिंदू पक्ष पूरी जमीन पर कब्जे का दावा करने लगे।

    दलील

    मुस्लिम पक्ष ने किया बाबरनामा और हिंदू प्राचीन कथाओं का जिक्र

    बाबरनामा का हवाला देते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मस्जिद को बाबर के आदेश पर उसके कमांडर मीर बाकी ने बनवाया था और तीन शिलालेखों पर इसका जिक्र भी है।

    इतिहासकार विलियम फॉस्टर ने भी विवादित जगह पर मस्जिद की बात कही है।

    प्राचीन कथाओं में भी कहा गया है कि भगवान राम की मां कौशल्या अपने मायके गई थीं और वहीं उन्होंने राम को जन्म दिया था। ऐसे में अयोध्या राम का जन्मस्थान हो यह भी जरूरी नहीं।

    दलीलों का निष्कर्ष

    हिंदू और मुस्लिम पक्षों ने क्या-क्या साबित करने की कोशिश की?

    हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलों में ये साबित करने की कोशिश की कि विवादित स्थल पर राजा विक्रमादित्य ने मंदिर बनवाया था और 11वीं शताब्दी के आसपास इसका पुनर्निमाण किया गया।

    1526 में बाबर या 17वीं शताब्दी में औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनाई।

    वहीं मुस्लिम पक्ष ने ये साबित करने की कोशिश की कि विवादित स्थल पर 1528 से मस्जिद है जिसे 1992 में तोड़ दिया गया।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    मुस्लिम
    बाबरी मस्जिद विवाद
    औरंगजेब

    ताज़ा खबरें

    तृप्ति डिमरी ने 'स्पिरिट' में ली दीपिका पादुकोण की जगह, संदीप रेड्डी वांगा ने किया ऐलान तृप्ति डिमरी
    बांग्लादेश: मोहम्मद यूनुस ने बुलाई सलाहकार परिषद की आपात बैठक, पद नहीं छोड़ने की अटकलें  बांग्लादेश
    IPL 2025: GT बनाम CSK मुकाबले की पिच रिपोर्ट, जानिए नरेंद्र मोदी स्टेडियम के आंकड़े  गुजरात टाइटंस
    गुजरात ATS ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में स्वास्थ्य कार्यकर्ता को दबोचा गुजरात

    मुस्लिम

    पाकिस्तान में हिंदू मंदिर पर हमला, पवित्र किताबों और मूर्तियों को जलाया पाकिस्तान समाचार
    तीन तलाक और नागरिकता बिल हुए निरस्त, राज्यसभा में नहीं हो सके पेश, अब आगे क्या? लोकसभा
    एकता की मिसाल: पुलवामा में मुस्लिम और पंडित मिलकर कर रहे मंदिर की मरम्मत पुलवामा
    मध्यस्थता के जरिए कोर्ट के बाहर अयोध्या विवाद सुलझाने पर आज फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट बाबरी मस्जिद विवाद

    बाबरी मस्जिद विवाद

    राम जन्मभूमि विवाद: जानिये, 1528 में बाबरी मस्जिद निर्माण से लेकर 2018 तक की पूरी कहानी भारतीय सुप्रीम कोर्ट
    फिल्म 'ठाकरे' का ट्रेलर रिलीज़, नवाजुद्दीन सिद्दीकी बाल ठाकरे के लुक में छाए, देखें वीडियो बॉलीवुड समाचार
    अयोध्या मामला: मोदी सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, कहा- गैर-विवादित जमीन राम जन्मभूमि न्यास को मिले वापस रविशंकर प्रसाद
    अयोध्या: 5 मार्च को राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट शिवसेना समाचार

    औरंगजेब

    सेना के जवान औरंगजेब की हत्या के मामले में राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवान हिरासत में भारतीय जनता पार्टी
    खुद प्रधानमंत्री ने बताया, 2014 और 2019 के मोदी में क्या है मुख्य अंतर, जानें नरेंद्र मोदी
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025