ज्ञानवापी मस्जिद में मिली शिवलिंग जैसी संरचना की वैज्ञानिक जांच पर 11 अक्टूबर को फैसला
क्या है खबर?
वाराणसी की जिला कोर्ट ने आज ज्ञानवापी मस्जिद में मिली शिवलिंग जैसी संरचना की कार्बन डेटिंग कराने की मांग पर सुनवाई की।
उसे आज मामले में अपना फैसला सुनाना था, लेकिन इससे पहले ही हिंदू याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलील बदलते हुए कहा कि उन्होंने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं बल्कि वैज्ञानिक जांच कराने की मांग की थी, ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि यह शिवलिंग ही है।
यह सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया।
जानकारी
अब 11 अक्टूबर को फैसला सुनाएगी कोर्ट
हिंदू याचिकाकर्ताओं के मामले में अपनी दलील बदलने के बाद मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने उसे 11 अक्टूबर तक का समय दिया है और इसी दिन वह अपना फैसला सुनाएगी।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
कोर्ट के आदेश पर कराए गए ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो सर्वे में इसके तालाब (वजूखाने) में शिवलिंग जैसी संरचना मिली थी।
हिंदू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताया था, जबकि मस्जिद समिति ने इसके फव्वारा होने का दावा किया था।
जब पिछले महीने जिला कोर्ट मस्जिद में पूजा करने की अनुमति मांगने वाली हिंदू महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हुआ तो पांच में से चार महिलाओं ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की।
विरोध
एक हिंदू याचिकाकर्ता और मस्जिद समिति ने किया था कार्बन डेटिंग का विरोध
एक हिंदू याचिकाकर्ता राखी सिंह और मस्जिद समिति ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का विरोध किया।
राखी ने कहा था कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग एक धर्म-विरोधी कार्य है और यह सभी सनातनियों की भावनाओं और आस्था का मजाक उड़ाने जैसा है। उन्होंने इसे बेअदबी के समान बताया था।
वहीं मस्जिद समिति ने कहा था कि तालाब में मिली संरचना शिवलिंग नहीं बल्कि पानी का फव्वारा है और इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ वांछनीय नहीं है।
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद
जिला कोर्ट किस मामले पर सुनवाई कर रही है?
वाराणसी की जिला कोर्ट पांच हिंदू महिलाओं की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में मौजूद मां शृंगार गौरी की सालभर पूजा करने की इजाजत मांगी है। अभी साल में केवल एक बार पूजा की इजाजत है। उन्होंने मस्जिद के वजूखाने में मिली शिवलिंग की पूजा करने की इजाजत भी मांगी है।
जिला जज एके विश्वेश की बेंच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई कर रही है।
ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद
न्यूजबाइट्स प्लस
ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित विवाद सदियों पुराना है।
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल शहंशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उनका कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी हुई है।
दूसरी तरह मस्जिद समिति का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और ये अलग जमीन पर बनी हुई है।