उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं सबसे ज्यादा इंजीनियर और पोस्ट ग्रेजुएट कैदी- NCRB
उत्तर प्रदेश की जेलें पढ़े-लिखे कैदियों से भरी हुई हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग और पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री वाले कैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं। देशभर की जेलो में 3,740 कैदी ऐसे हैं, जिनके पास टेक्निकल डिग्रियां हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 727 (लगभग 20 प्रतिशत) उत्तर प्रदेश की जेलों में हैं। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र (495) और कर्नाटक (362) का नंबर आता है।
उत्तर प्रदेश में 2,000 से ज्यादा पोस्ट ग्रेजुएट कैदी
टेक्निकल डिग्री के अलावा अगर पोस्ट ग्रेजुएट कैदियों की बात करें तब भी उत्तर प्रदेश की जेलें पहले नंबर पर है। देश में 5,282 पोस्ट ग्रेजुएट कैदी हैं, जिनमें से सर्वाधिक 2,010 उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने TOI से कहा कि टेक्निकल डिग्रियों वाले अधिकतर कैदी दहेज के लिए प्रताड़ना या रेप के आरोपी या दोषी पाए गए हैं। वहीं कुछ आर्थिक अपराधों में आरोपी हैं।
देश के कुल कैदियों में से 1.67 प्रतिशत इंजीनियर
पूरे देश की जेलों की बात करें तो उनमें फिलहाल 3,30,487 कैदी बंद हैं। इनमें से 1.67 प्रतिशत पोस्ट ग्रेजुएट और 1.2 प्रतिशत इंजीनियर हैं। जेल प्रशासन इनमें से अधिकतर की योग्यता का इस्तेमाल भी कर रहा है।
पढ़े-लिखे कैदियों की योग्यता का फायदा ले रहा जेल प्रशासन
आनंद कुमार ने इंजीनियरिंग की डिग्रियों वाले कैदी जेलों में टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने में मदद कर रहे हैं। कई कैदियों ने जेलों में ई-प्रिजनर सिस्टम बनाया है। वहीं कुछ ने जेल का रिकॉर्ड कंप्यूटराइज करने में मदद की है। जेल परिसरों के भीतर जेल रेडियो लगाने में भी इनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने आगे कहा कि इन पढ़े-लिखे कैदियों में से कुछ दूसरे कैदियों को पढ़ाने का भी काम कर रहे हैं।
देश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी
भारत की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे हुए हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं। NCRB के मुताबिक, 2016 के बाद भारत में जेलों की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह कैदियों की संख्या में हुई बढ़ोतरी की तुलना में काफी कम है। इसके चलते देशभर की जेलों में दबाव काफी बढ़ गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश की जेलों के हालात देश में सबसे खराब है।
जेलों की तुलना में तेजी से बढ़ी कैदियों की संख्या
बतौर NCRB, 2016 की तुलना में दिसंबर, 2018 तक जेलों की क्षमता 3 लाख 80 हजार 876 से बढ़कर 3 लाख 96 हजार 223 हो गई। यानी जेलों की क्षमता में 4.03 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसी दौरान इन जेलों में बंद कैदियों की संख्या 4 लाख 33 हजार 3 से 7.64 फीसदी बढ़कर 4 लाख 66 हजार 84 हो गई। पहले जहां जेलों में क्षमता से 13.7 फीसदी ज्यादा कैदी बंंद थे, वही अब बढ़कर 17.6 फीसदी हो गया।