मां की हत्या कर दिल और आंतें निकालने वाले कलयुगी बेटे को मिली फांसी की सजा
महाराष्ट्र के कोल्हापुर की एक अदालत ने शराब के लिए पैसे नहीं देने पर अपनी ही मां की निर्मम हत्या करने और शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिल, किडनी और आंतें बाहर निकालने वाले 35 वर्षीय कलयुगी बेटे को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले को बेहद दुर्लभ और अमानवीयता की पराकाष्ठा मानते हुए उसे फांसी की सजा देने का फैसला दिया है। बता दें कि इस मामले ने पूरे देश को हैरान कर दिया था।
आरोपी ने 2017 में दिया था वारदात को अंजाम
NDTV के अनुसार मामले में आरोपी बेटा सुनील कुचिकोरवी है। उसने 28 अगस्त, 2017 को कोल्हापुर शहर के मकड़वाला वसाहाट स्थित अपने घर में इस संगीन वारदात को अंजाम दिया था। लोक अभियोजक विवेक शुक्ला ने बताया कि सुनील शराब पीने का आदी था। घटना वाले दिन उसने अपनी मां से शराब खरीकर लाने के लिए कुछ पैसे मांगे थे। इनकार करने पर वह गुस्से से आग-बबूला हो गया और उसने धारदार हथियार से मां की हत्या कर दी।
सुनील ने हत्या के बाद दिखाई थी हैवानियत
शुक्ला ने बताया कि सुनील ने मां की हत्या के बाद हैवानियत की हदें पार कर दी थीं। उसने धारदार हथियार से अपनी मांग के शव के दाहिने हिस्से को चीर दिया और उसके बाद शरीर से दिल, किडनी, आंतों और अन्य अंगों को निकाल कर रसोई के प्लेटफॉर्म पर रख दिया। उन्होंने बताया कि सुनील के हाथों पर खून देखने के बाद ही पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना की थी। उसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने सुनील पर जताया था नरभक्षी होने का शक
शुक्ला ने बताया कि सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो सुनील की मां के अंग रसोई में नमक, तेल और मिर्च पाउडर लगे हुए पाए गए थे और सुनील के मुंह पर खून लगा मिला था। इसको लेकर पुलिस ने सुनील पर उसके नरभक्षी होने का शक जताया था। हालांकि, बाद में इस मामले की पुष्टि नहीं हो सकी थी। उन्होंने बताया कि उसके बाद से ही सुनील जेल में बंद था और उसकी सुनवाई चल रही थी।
परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर सुनील को सुनाई मौत की सजा
मामले में गुरुवार को आखिरी सुनवाई करते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश महेश जाधव ने सुनील को अपनी मां की विभत्स हत्या करने का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। बता दें कि मामले में कुल 12 गवाहों के बयान लिए गए थे, लेकिन कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। इस पर कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को आधार मानते हुए सुनील को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले को दुर्लभतम के श्रेणी में लिया है।