अनुच्छेद 370 हटने के बाद केवल दो बाहरी लोगों ने खरीदी जम्मू-कश्मीर में जमीन- गृह मंत्रालय
क्या है खबर?
2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से अब तक केवल दो बाहरी लोगों ने जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज लोकसभा में ये जानकारी दी।
अपने लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, पिछले 2.5 साल में केवल दो बाहरी लोगों ने जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी है।
इस दौरान बाहरी लोगों को किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।
पहले की स्थिति
अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे बाहरी लोग
बता दें अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार देता था और इसके चलते देश के किसी अन्य हिस्से में रहने वाला व्यक्ति यहां जमीन नहीं खरीद सकता था।
यहां तक कि जम्मू-कश्मीर की लड़की यदि अन्य राज्य के किसी लड़के से शादी करती थी तो उसका अपनी पैतृक संपत्ति से अधिकार खत्म हो जाता था।
इसी तरह राज्य का कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन या संपत्ति को दूसरे राज्य के निवासी के नाम नहीं कर सकता था।
फैसले
केंद्र सरकार ने 2019 में हटाया अनुच्छेद 370, 2020 में भूमि पर लाई नया कानून
हालांकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। इसके अलावा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में भी बांट दिया गया।
इसके बाद अक्टूबर, 2020 में केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लेकर आई जिसके जरिए बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने की इजाजत दी गई। इस कानून को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का अनुकूलन) तीसरा आदेश, 2020 कहा गया।
कानून
बाहरी लोगों को केवल फैक्ट्री, घर या दुकान के लिए जमीन खरीदने की इजाजत
नए कानून में बाहरी लोगों को केवल फैक्ट्री, घर या दुकान के लिए जमीन खरीदने की इजाजत दी गई थी और खेती के लिए जमीन खरीदने पर रोक लगाई गई थी।
नए कानून की अधिसूचना जारी करते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था, "हम चाहते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश के बेहतर विकास के लिए बाहर के उद्योग जम्मू-कश्मीर में स्थापित हों। इसलिए जम्मू-कश्मीर की औद्योगिक भूमि में निवेश की जरूरत है।"
विरोध
भूमि कानून में बदलाव का विरोध करते रहे हैं जम्मू-कश्मीर के नेता और लोग
जम्मू-कश्मीर के नेता और लोग भूमि कानून में इस बदलाव का विरोध करते रहे हैं। दरअसल, उनका मानना है कि भूमि कानून में बदलाव करके कश्मीर में बाहरी राज्यों के लोगों को बसा दिया जाएगा और इससे धीरे-धीरे यहां के जनसंख्या समीकरण को बदल दिया जाएगा।
अनुच्छेद 370 के तहत बाहरी लोगों को जमीन खरीदने से रोकने के पीछे भी यही सोच थी। बता दें कि अन्य पहाड़ी इलाकों में भी बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर पाबंदियां होती हैं।