ओडिशा: केंद्रीय मंत्री पर सरकारी कर्मचारियों से मारपीट का आरोप, FIR दर्ज
ओडिशा के दो सरकारी कर्मचारियों ने केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडु पर मारपीट का आरोप लगाया है। कर्मचारियों का आरोप है कि टुडु ने अपने कार्यालय में कुर्सी से उनकी पिटाई की थी। अधिकारियों ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री के खिलाफ शिकायत दी है, जिसके आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज की है। दूसरी तरफ टुडु ने अपने खिलाफ लग रहे आरोपों को झूठा और निराधार बताया है। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पिछले साल जुलाई में केंद्रीय मंत्री बने थे टुडु
मोदी सरकार में जल शक्ति और आदिवासी मामलों के राज्यमंत्री विश्वेश्वर टुडु ओडिशा की मयूरभंज सीट से लोकसभा सांसद हैं। उन्हें पिछले साल जुलाई में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था।
टुडु पर क्या आरोप हैं?
जिला योजना इकाई के उप निदेशक अश्विनी कुमार मलिक और सहायक निदेशक देवाशीष मोहपात्रा के अनुसार, शुक्रवार को टुडु ने उन दोनों को बैठक के लिए भाजपा कार्यालय में बुलाया था। बैठक में कुछ फाइलें न ले जाने के कारण मंत्री उन दोनों पर बिफर पड़े। अधिकारियों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री ने कमरा बंद कर प्लास्टिक की कुर्सी से उन दोनों की पिटाई की थी। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने पुलिस में टुडु के खिलाफ शिकायत लिखवाई थी।
अस्पताल में भर्ती कराए गए दोनों अधिकारी
बताया जा रहा है कि मारपीट से देवाशीष मोहपात्रा का हाथ टूट गया है, वहीं मलिक को भी काफी चोटें आई हैं। दोनों अधिकारियों को बारीपाड़ा के पंडित रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अधिकारियों का क्या कहना है?
इंडिया टुडे से बात करते हुए मोहपात्रा ने बताया, "मंत्री ने पहले प्रोटोकॉल का पालन न करने के लिए हमें फटकार लगाई। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि इस समय हम फाइलों के साथ उनके कार्यालय में नहीं जा सकते क्योंकि पंचायत चुनाव के चलते राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है। इससे वो नाराज हो गए और हमें मारने लगे।" मलिक ने बताया कि वो सांसद निधि की फाइल ले जाना भूल गए थे।
टुडु ने आरोपों का खंडन किया
केंद्रीय मंत्री टुडु ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पंचायत चुनावों से पहले उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, "वो (अधिकारी) मेरे पास आए। हमने बैठकर करीब आधे घंटे तक बातचीत की। मैंने उन्हें फाइल साथ लाने को कहा था ताकि देखूं कि केंद्र की तरफ से दिए गए सात करोड़ रुपये कैसे खर्च हुए हैं। अब वो झूठे आरोप लगा रहे हैं। मैं उन्हें मारता तो क्या वो वापस लौट पाते।"
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
ओडिशा में 16, 18, 20, 22 और 24 फरवरी को पांच चरणों में पंचायत चुनाव होंगे। इसके बाद 26, 27 और 28 फरवरी को प्रखंड स्तर पर मतगणना और नतीजों का ऐलान किया जाएगा। राज्य में अलग-अलग पदों के लिए 2.29 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। वार्ड सदस्य पद के लिए 1,62,297, सरपंच के लिए 34,613, पंचायत समिति सदस्यों के लिए 28,153 और जिला परिषद सदस्य के लिए 3,999 नामांकन पत्र जमा हुए हैं।