त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव: वोटों की गिनती जारी, भाजपा का दबदबा
क्या है खबर?
त्रिपुरा नगर निकाय चुनावों के वोटों की गिनती जारी है और अभी तक के नतीजों में भाजपा सभी नगर निगमों में आगे चल रही है।
राज्य में अपना विस्तार करने की कोशिश कर रही ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) कुछ सीट जीतने में तो कामयाब रही है, लेकिन किसी भी नगर निगम पर कब्जा नहीं कर पाई है। वामपंथी पार्टियों के हाथ भी मायूसी लगी है।
राज्य में 25 नवंबर को कुल 20 नगर निगमों के चुनाव हुए थे।
नतीजे
सात सीटों पर निर्विरोध जीती भाजपा, 12 पर बड़ी बढ़त
इन 20 नगर निगमों में से सात को भाजपा निर्विरोध ही जीत गई थी, वहीं खोवई नगर निगम में उसने आज जीत दर्ज की।
बाकी के 12 नगर निगमों में भी वह बड़े अंतर से आगे चल रही है। इनमें अगरतला निगर निगम भी शामिल है।
इन नगर निगमों में कुल 334 सीट हैं जिनमें से 112 पर भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध जीत गए, वहीं बाकी 222 सीटों पर 25 नवंबर को वोटिंग हुई।
सीटें
अगरतला समेत अन्य सभी नगर निगमों की अधिकांश सीटों पर भाजपा आगे
सीटों की बात करें तो भाजपा अगरतला नगर निगम के 19 वॉर्ड जीत चुकी है, वहीं बाकी 31 पर वह आगे चल रही है। मेलघर नगर निगम की सभी 13 सीटों पर भी भाजपा आगे चल रही है।
इसी तरह बेलोनिया नगर की 11 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को विजेता घोषित किया जा चुका है, वहीं बाकी पर वोटों की गिनती जारी है। सोनामुरा नगर पंचायत की सभी 13 सीटों पर भी भाजपा आगे है।
अन्य पार्टियां
TMC ने खोला खाता, एक सीट जीती
राज्य में विस्तार की कोशिश में लगी TMC अपना खाता खोलने में कामयाब रही है और उसने एक सीट पर जीत दर्ज की है। माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) भी मात्र एक सीट जीत पाई है।
बता दें कि 2018 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद ये पहले स्थानीय नगर निकाय चुनाव थे और इनमें बड़ी जीत भाजपा के लिए अच्छी खबर है। भाजपा ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।
झड़पें
चुनाव से पहले TMC और भाजपा समर्थकों के बीच में हुई कई झड़पें
बता दें कि इन चुनावों से पहले त्रिपुरा में भाजपा और TMC के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। इन झड़पों के दौरान दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर कई संगीन आरोप लगाए थे।
TMC की बंगाल इकाई की युवा शाखा की सचिव सायोनी घोष को तो त्रिपुरा पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था। उन पर 'खेला होबे' के नारे लगाकर मुख्यमंत्री बिप्लब देब की सभा में बाधा पहुंचाने का आरोप था।