महाराष्ट्र सरकार का बॉम्बे हाई कोर्ट में हलफनामा, कहा- जल्द शुरू करेंगे घर-घर वैक्सीनेशन अभियान
क्या है खबर?
बॉम्बे हाई कोर्ट में बुधवार को कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए घर-घर वैक्सीनेशन शुरू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई।
इस दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि वह जल्द ही प्रायोगिक तौर पर चलने में असक्षम और बिस्तरों पर मौजूद लोगों के लिए घर-घर वैक्सीनेशन अभियान शुरू करेगी।
सरकार ने यह भी बताया कि वह इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी का भी इंतजार नहीं करेगी।
यााचिका
दो वकीलों ने दायर की थी जनहित याचिका
बता दें कि वकीलों धृति कपाड़िया और कुणाल तिवारी ने मई की शुरुआत में बॉम्बे हाई कोर्ट में घर-घर वैक्सीनेशन शुरू करने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी।
इसमें उन्होंने कहा था कि देश में आज भी कई बुजुर्ग और कमजोर लोग है जो खुद चलकर वैक्सीनेशन केंद्र पर नहीं पहुंच सकते हैं।
ऐसे में सरकार को 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, दिव्यांगों और व्हीलचेयर पर आश्रित लोगों के लिए घर-घर वैक्सीनेशन अभियान शुरू करना चाहिए।
हलफनामा
घर-घर वैक्सीनेशन पर खुद फैसला लेगी महाराष्ट्र सरकार
सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ को बताया कि राज्य में जल्द ही चलने में असक्षम और बिस्तर पर मौजूद लोगों के लिए घर-घर वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया जाएगा। इसके लिए सरकार केंद्र से भी अनुमति नहीं लेगी और खुद इस पर फैसला लेगी।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में घर-घर वैक्सीनेशन अभियान प्रायोगिक तौर पर होगा। उसके बाद आगे का निर्णय किया जाएगा।
तैयारी
लिखित सहमति लेने के बाद लगाई जाएगी घर पर वैक्सीन- कुंभकोनी
महाधिवक्ता कुंभकोनी ने बताया कि घर पर वैक्सीन लगाने के लिए लाभार्थी से लिखित में सहमति और वैक्सीन लगने के बाद किसी भी दुष्परिणाम की जिम्मेदारी लेने के लिए परिवार के डॉक्टर से प्रमाण पत्र लिया जाएगा।
इस पर कोर्ट ने डॉक्टर से प्रमाण पत्र मांगने की शर्त को अव्यावहारिक बताया।
कोर्ट ने कहा, "हम आशा करते हैं कि सरकार डॉक्टर के प्रमाण पत्र पर जोर नहीं देगी। कोई भी डॉक्टर इसकी जिम्मेदारी कैसे ले सकता है?"
पृष्ठभूमि
होई ने कही थी घर-घर वैक्सीनेशन पर विचार करने की बात
बता दें कि पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने सरकार से घर-घर वैक्सीनेशन शुरू करने पर विचार करने को कहा था।
उस दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद हाई कोर्ट ने कहा था कि जब केरल, झारखंड और बिहार जैसे राज्य इसे शुरू कर सकते हैं तो महाराष्ट्र को अनुमति की आवश्यकता क्यों है?
इस पर अब महाराष्ट्र सरकार ने घर-घर वैक्सीनेशन शुरू करने का निर्णय किया है।
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने भी मांगा था घर-घर वैक्सीनेशन पर केंद्र से जवाब
बता दें कि घर-घर वैक्सीनेशन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी जनहित याचिका दायर हुई थी।
इसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा था। केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया था कि यदि घर पर वैक्सीन लगती है तो 30 मिनट का निगरानी के प्रोटोकॉल बनाए रखना संभव नहीं होगा। हर टीम के लिए वैक्सीन लगाने के बाद 30 मिनट से ज्यादा समय तक इंतजार करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
जानकारी
वैक्सीनेशन अभियान की क्या है स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 33,28,54,527 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 36,51,983 खुराकें लगाई गईं। नई वैक्सीन नीति लागू होने के बाद वैक्सीनेशन ने रफ्तार पकड़ी है।