
भारत में 82 हुई 'टमाटर फ्लू' के संक्रमितों की संख्या, विशेषज्ञों ने जारी की चेतावनी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के बाद देश में लगातार नई-नई बीमारियां सामने आ रही है। मंकीपॉक्स के बाद अब 'टमाटर फ्लू' ने लोगों को और चिकित्सा विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है।
भारत में टमाटर फ्लू के 82 मामले आ चुके हैं और ये सभी केरल और ओडिशा में मिले हैं। हालांकि, अब मामलों में इजाफा हो रहा है।
इसको देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों ने लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल में चेतावनी जारी करते हुए ऐहतियाती कदम उठाने को कहा है।
पृष्ठभूमि
आखिर क्या है टमाटर फ्लू?
टमाटर फ्लू एक प्रकार का वायरल बुखार है जो केरल और ओडिशा में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मिला है।
इससे संक्रमित होने वाले बच्चों को शरीर पर चकत्ते, छाले, त्वचा में जलन और निर्जलीकरण की परेशानी होने लगती है। इससे उन्हें काफी असहनीय तकलीफ और दर्द का सामना करना पड़ता है।
बच्चों के शरीर पर होने वाले ये चकत्ते और छाले लाल रंग के होते हैं। इसके चलते इस बीमारी को टमाटर फ्लू कहा जाता है।
जानकारी
क्या है टमाटर फ्लू के कारण?
इस बीमारी का कारण अभी भी अज्ञात हैं। स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी कारणों की जांच कर रहे हैं। इसके पीछे कई विशेषज्ञ डेंगू या चिकनगुनिया को कारण बता रहे हैं। बीमारी को खतरनाक बनने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है।
लक्षण
क्या हैं टमाटर फ्लू के लक्षण?
टमाटर फ्लू से संक्रमण के मुख्य लक्षण शरीर पर लाल रंग के चकत्ते और छाले होना, त्वचा में जलन और शरीर में पानी की कमी होना हैं।
इसके अलावा संक्रमित बच्चों में तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में सूजन, थकान, पेट में थकान, उल्टी, दस्त, हाथ और घुटनों का रंग बदलना, खांसी, छींक और नाक बहने जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत बच्चे की जांच कराएं।
सवाल
क्या टमाटर फ्लू संक्रामक है?
हां, टमाटर फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। यह एक तरह छूत की बीमारी है जो छूने से फैलती है।
यदि आपके आसपास कोई इस बीमारी से पीड़ित है तो उससे दूरी बनाकर रखें और खासकर बच्चों को मरीज के करीब न आने दें। फिर भी यदि बच्चे इसकी चपेट में आए जाएं तो उन्हें अलग रखें और उसके करीब कम से काम जाएं।
राहत की बात यह है कि इससे अभी तक किसी की मौत होने की सूचना नहीं है।
जानकारी
टमाटर फ्लू से कैसे निपटें?
बच्चे में टमाटर फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उससे परामर्श लें। संक्रमित बच्चों को अपने छालों को खुजलाने से बचना चाहिए और स्वच्छता और सफाई का ख्याल रखना चाहिए। अत्यधिक मात्रा में पानी के साथ आराम इसमें फायदेमंद है।
हालात
82 बच्चों में हुई संक्रमण की पुष्टि
लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, भारत में टमाटर फ्लू का पहला मामला 6 मई को केरल के कोल्लम में आया था। उसके बाद ओडिशा में भी इसके मामले सामने आए। दोनों राज्यों में अब तक 82 बच्चों में इसकी पुष्टि हो चुकी है।
कोरोना वायरस की तरह यह बीमारी केरल और ओडिशा में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में उभरी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को इसकी रोकथाम के लिए विशेष कदम उठाने चाहिए।
चेतावनी
बेहद संक्रामक है टमाटर फ्लू- रिपोर्ट
लैंसेट की रिपोर्ट में कहा है कि इस बीमारी के कारण वर्तमान में तमिलनाडु और कर्नाटक में भी अलर्ट जारी किया गया है। वहां केरल और ओडिशा से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। इसका दुनिया में अभी तक कोई अधिकारिक उपचार नहीं है। इसके अलावा यह बेहद संक्रामक बीमारी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार को तत्काल प्रभाव से कदम उठाते हुए जांच और उपचार पर ध्यान देना चाहिए।