MBBS की 24 खाली सीटों को तुरंत भरे केंद्र- तमिलनाडु सरकार
क्या है खबर?
तमिलनाडु के चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने शनिवार को कहा कि MBBS काउंसलिंग के चार दौर के बाद राज्य के कॉलेजों में MBBS की 24 सीटें खाली रह गई हैं।
राज्य के सरकारी अस्पतालों में विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण करते हुए उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र के जरिए दी है और आग्रह किया है कि यह खाली सीटें जल्द से जल्द भरी जाएं।
MBBS
देशभर में MBBS की लगभग 300 सीटें खाली- सुब्रमण्यम
सुब्रमण्यम ने बताया कि राज्य के निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS की सीटें पहले ही भरी जा चुकी थीं और अखिल भारतीय कोटे (AIQ) की 812 सीटों में से 24 खाली रह गई हैं।
उन्होंने आगे कहा, "अधिकारियों ने कहा था कि AIQ के तहत देशभर में लगभग 300 सीटें खाली पड़ी हैं, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर समय मांगा गया था और कहा गया था कि इन खाली सीटों को जल्द भरा जाएगा।"
योजना
तमिलनाडु में XE वेरिएंट को कोई मामला नहीं- मंत्री
राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति के बारे में बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के XE वेरिएंट से एक-एक व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि केंद्र ने इससे इनकार किया था।
उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
इससे पहले उन्होंने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वालपराई, उडुमलपेट और गोबिचेट्टीपलायम सहित 32 सरकारी अस्पतालों में 87.97 करोड़ रुपये की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का शुभारंभ किया।
NEET
NEET पर राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच रार बरकरार
गुरूवार को तमिल नव वर्ष के मौके पर राज्यपाल आर एन रवि ने 'एट होम रिसेप्शन' का आयोजन किया था।
लेकिन NEET में छूट देने वाला विधेयक राज्यपाल के पास लंबित होने के कारण सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी ने इस पार्टी का बहिष्कार किया।
द्रमुक के पी सरवनन ने कहा, "राज्य की हर पार्टी ने कहा था कि NEET को जाना चाहिए, उनसे कम से कम यह उम्मीद की जाती है कि वह विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज दें।"
न्यूजबाइट्स प्लस
विधेयक में क्या है?
NEET विधेयक पास होने के बाद तमिलनाडु में रहने वाले छात्रों को अगले 10 साल तक NEET परीक्षा में बैठने से छूट मिलेगी।
प्रावधानों के अनुसार, तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों के स्नातक स्तर के मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेद और होम्योपैथी पाठ्यक्रमों में कक्षा 12 में प्राप्त अंकों के आधार पर एडमिशन मिलेगा।
राज्य में कांग्रेस, AIADMK और अन्य दलों ने इसका समर्थन किया था, जबकि भाजपा ने इसका विरोध किया था।