जम्मू-कश्मीर में खात्मे की कगार पर आतंकवाद, मुख्यधारा से जुड़ रहे युवा- DGP
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि इस साल केवल 10 स्थानीय युवा ही आतंकी संगठन में शामिल हुए हैं। इन 10 में से भी 6 को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद अपनी आखिरी सांस ले रहा है और यहां के युवा मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। यहां पूरी तरह अमन चैन लौटेगा।
आतंकवादी संगठन में शामिल होने का आंकड़ा पिछले साल 110 था।
आंकड़ा
DGP ने कहा- इस साल केवल 10 युवा आतंकवादी संगठन में हुए शामिल
सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस के दौरान संवाददाताओं से कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि कश्मीर के युवाओं ने दुश्मन की चाल और साजिशों को समझ लिया है। पिछले साल 110 युवा आतंकवाद में शामिल हुए थे, वहीं इस साल केवल 10 युवा आतंकवादी संगठन में शामिल हुए।"
उन्होंने कहा, "काश ये 10 भी दूसरी तरफ न गए होते। यह बहुत अच्छा होता और हम दुनिया को बताते कि जम्मू-कश्मीर के सभी युवा शांति के पक्ष में हैं।"
बयान
आतंकवाद के अवशेषों को जल्द करेंगे खत्म- DGP
सिंह ने बाकी के 4 आतंकियों को आत्मसमर्पण करने या घर वापसी के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा, "जवानों की मेहनत के करण हमने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जंग में जीत हासिल कर ली और अब उसके अवशेषों को खत्म करना ही हमारी प्रतिज्ञा है।"
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के इशारे पर अब खून खराबे के दिन गए, आज लोग शांति और सुकून के माहौल में रह रहे हैं।'
शहीद
3 दशकों में 1,600 से अधिक सुरक्षाकर्मी हुए शहीद
सिंह ने कहा, "घाटी में आतंकवाद से लड़ते हुए पिछले तीन दशकों में 1,600 से अधिक सुरक्षाकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। पाकिस्तान यहां आतंक को बढ़ावा दे रहा है और हमारी सेनाओं के बलिदान के परिणाम सामने आए हैं और यही कारण है कि घाटी में आतंकवाद अंतिम सांस ले रहा है। जम्मू-कश्मीर जल्द ही आतंक मुक्त होगा और हम देश और शांति के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले प्रत्येक शहीद को सलाम करते हैं।"
अपील
युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील
सिंह ने बताया कि घाटी में लगभग 90% घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया है, जो घुसपैठिये सीमापार करने की कोशिश कर रहे थे, उनमें से अधिकांश नियंत्रण रेखा के पास ही मारे गए।
उन्होंने कहा, "मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें और उन 4 स्थानीय सक्रिय आतंकवादियों को छोड़ दें। हमें भी हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए।"
जानकारी
2021 के बाद कम हुई है आतंकी संगठन में भर्ती
बता दें कि 2019 में कश्मीर में 119 स्थानीय लोग आतंकवाद में शामिल हुए थे। 2020 में यह संख्या बढ़कर 167 और 2021 में यह 128 और 2022 में 110 हो गई। यहां पहले की तुलना में पथराव की घटना में भी कमी आई है।