तमिलनाडु: मुख्यमंत्री स्टालिन ने AIADMK और भाजपा प्रमुख के खिलाफ किया मानहानि का मुकदमा, जानें कारण
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) प्रमुख एके पलानीस्वामी और राज्य भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है। अन्नामलाई और पलानीस्वामी दोनों ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री राज्य में अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी रैकेट की सहायता करने और स्यूडोएफेड्रिन जैसी प्रतिबंधित ड्रग के वितरण में शामिल है। सरकारी वकील ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की ओर से आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
मानहानि के मुकदमे में स्टालिन ने क्या कहा?
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 199(2) के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 के तहत दायर की गई शिकायत में कहा गया है कि ड्रग तस्करी के रैकट से संबंधों के आरोप राजनीतिक लाभ प्राप्त करने और मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से दिए गए थे। इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु सरकार और मुख्यमंत्री तथ्यात्मक सबूतों के आधार पर किसी भी तरह की आलोचना के लिए खिलाफ नहीं हैं।
शिकायत में और क्या कहा गया?
शिकायत में कहा गया है कि मुख्यमंत्री नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रहे हैं, लेकिन यह बयान बिना किसी सबूत के मुख्यमंत्री को ड्रग तस्करी से जोड़ते हैं। सरकार गांजा के 'शून्य खेती' पर कायम है और अंतरराज्यीय ड्रग कार्टेल के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है। याचिका में नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों और युवाओं में इसकी लत के खतरे पर शुरू किए गए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला गया।
क्या है मामला?
दरअसल, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने पिछले महीने 2,000 करोड़ रुपये के ड्रग तस्करी रैकट का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में 9 मार्च को NCB ने फिल्म निर्माता और स्टालिन की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के पूर्व पदाधिकारी जाफर सादिक को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि जाफर स्यूडोएफेड्रिन जैसे प्रतिबंधित ड्रग्स को भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सप्लाई करने के नेटवर्क के मास्टरमाइंड हैं। इसी को लेकर भाजपा और AIADMK राज्य सरकार पर कुछ समय से हमलावर हैं।
पलानीस्वामी ने क्या टिप्पणी की थी?
पलानीस्वामी ने कहा था कि मुख्यमंत्री स्टालिन के नेतृत्व में तमिलनाडु "ड्रग गढ़" में बदल गया है। उन्होंने कहा था, "जाफर के खिलाफ 26 मामले दर्ज थे और एक ऐसा व्यक्ति मुख्यमंत्री से मिल रहा है और उसे DGP से उपहार मिल रहे हैं। ऐसा कैसे हो सकता है? इस नेटवर्क में शामिल सभी लोगों से पूछताछ की जानी चाहिए। मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री स्टालिन की जिम्मेदारी बनती है कि वह जनता को इस मामले के बारे में बताएं।"
अन्नामलाई ने क्या टिप्पणी की थी?
अन्नामलाई ने सवाल किया था, "कैसे DMK नेताओं के करीब रहकर जाफर मनी लॉन्ड्रिंग करता था?" उन्होंने उस तस्वीर पर सवाल उठाए थे, जिसमें जाफर मंत्री उदयनिधि स्टालिन की उपस्थिति में मुख्यमंत्री सार्वजनिक राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री स्टालिन को दान देते नजर आए थे।