
दिल्ली के वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- वास्तविकता है कि कुछ नहीं हो रहा
क्या है खबर?
दिल्ली और आसपास वायु प्रदूषण के मामले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि हर साल होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए कुछ भी नहीं हो रहा है।
न्यायमूर्ति एएस ओका, न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह और एजी मसीह की पीठ ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अपने ही आदेश को 3 साल से लागू नहीं कर पा रहा है और वास्तविक में कुछ नहीं हो रहा है।
सुनवाई
पराली जलाने वालों से मामूली जुर्माना वसूलने पर नाराजगी
कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि पराली जलाने वालों से मामूली जुर्माना क्यों वसूला जा रहा है, ऐसे लोगों पर दंड के प्रावधान क्यों नहीं है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार समेत पंजाब और हरियाणा की सरकारों को मामले पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि सरकारों ने निर्देशों का पालन नहीं किया और CAQM ने कोई ठोस उपाय लागू नहीं किए।
मामले की सुनवाई अब 14 अक्टूबर को होगी।
गंभीर
समिति में विशेषज्ञों की गंभीरता पर सवाल उठाया
कोर्ट ने आयोग में नियुक्त विशेषज्ञों की गंभीरता पर भी सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि समिति की आखिरी बैठक 29 अगस्त को हुई, जबकि पूरे सितंबर में कोई बैठक नहीं हुई।
कोर्ट ने कहा कि इस समिति में प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं जो निर्देशों को लागू करेंगे, फिर भी सुरक्षा और प्रवर्तन पर उप-समिति की बैठक में 11 सदस्यों ने क्यों भाग लिया।
न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने कहा, "क्या यही गंभीरता दिखाई जा रही है?"
आंकड़े
CAQM ने कोर्ट को क्या जानकारी दी?
CAQM ने कोर्ट को बताया कि सख्त नीतियों को लागू करने के बाद 2021-23 के बीच पराली जलाने के मामले पंजाब में 48.6 प्रतिशत और हरियाणा में 67 प्रतिशत कम हुए हैं।
हरियाणा सरकार ने बताया कि मार्च 2024 तक हरियाणा में 90,945 फसल मैनेजमेंट मशीनें उपलब्ध हैं और 11,000 और मशीनें उपलब्ध होने की उम्मीद है।
वहीं पंजाब में मार्च 2024 तक 1,30,851 मशीनें उपलब्ध हैं और 12,000 मशीनों की अतिरिक्त खरीद की प्रक्रिया हो रही हैं।
तैयारी
प्रदूषण से निपटने की दिल्ली में क्या है तैयारी?
दिल्ली और आसपास अक्टूबर के अंत से प्रदूषण बढ़ना शुरू होता है, जो फरवरी तक खतरनाक स्थिति पर पहुंच जाता है।
दिल्ली में इससे निपटने के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान बनाया है। उन्होंने बताया कि दोबारा ऑड-ईवन नियम लागू कर सकते हैं।
इसके अलावा ड्रोन से निगरानी, स्पेशल टास्क फोर्स, धूल, वाहन, पराली और औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण, पटाखों पर प्रतिबंध, वर्क फ्रॉम होम और कृत्रिम बारिश जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।