सहारा समूह बेच सकती है अपनी संपत्ति, सुप्रीम कोर्ट से निवेशकों को मिली बड़ी राहत
क्या है खबर?
सहारा समूह लंबे समय से कई मुसीबतों से गिरा हुआ है इस बीच सुप्रीम कोर्ट से निवेशकों को एक बड़ी राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (3 सितंबर) को सुनवाई के दौरान कहा है कि SEBI-सहारा रिफंड अकाउंट में करीब 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए सहारा समूह पर अपनी संपत्ति बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
बता दें कि SEBI-सहारा रिफंड अकाउंट में जमा पैसे से ही निवेशकों को पैसा लौटाया जाएगा।
आदेश
अदालत ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सहारा समूह द्वारा कोर्ट के निर्देशानुसार राशि जमा नहीं करने पर नाराजगी जताई।
कोर्ट ने कहा कि सहारा पर निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए SEBI-सहारा रिफंड अकाउंट में 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए अपनी संपत्ति बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में निर्देश दिया था कि सहारा समूह की कंपनियां निवेशकों से जमा की गई राशि को 15 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ SEBI को वापस करेंगी।
अनुमति
संपत्ति बेचने के लिए अदालत से लेनी होगी अनुमति
कोर्ट ने यह भी कहा कि सहारा समूह की संपत्तियों को सर्किल रेट से कम कीमत पर नहीं बेचा जाना चाहिए।
अगर संपत्ति को सर्किल रेट से कम कीमत पर बेचे जाने की स्थिति पैदा होती है, तो इसके लिए पहले कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।
कोर्ट ने प्रतिबंध को लेकर प्रतिक्रिया तब दी, जब सहारा समूह की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कंपनी को अपनी संपत्तियों को बेचने का अवसर नहीं दिया गया।
मामला
क्या है सहारा समूह का मामला?
सहारा समूह का विवाद 2008 और 2011 के बीच की अवधि से संबंधित है, जब सहारा ने 2 वित्तीय योजनाओं के तहत निवेशकों से लगभग 24,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।
SEBI ने आरोप लगाया कि सहारा ने ये पैसे गलत तरीके से एकत्र किए और उसे इसका हिसाब देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 2012 सहारा को निवेशकों को पैसे लौटाने का आदेश दिया, लेकिन सहारा इस पैसे की वापसी में असफल रहा और आज भी मामला अदालत में है।