सुप्रीम कोर्ट की किसान आंदोलन पर तल्ख टिप्पणी, कहा- पूरे शहर का दम घोंट दिया है
सुप्रीम कोर्ट ने आज कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे एक किसान संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए बेहद तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि किसानों ने पूरे शहर (दिल्ली) का दम घोंट दिया है और अब शहर के अंदर आना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और सुरक्षा स्थिति पर भी प्रभाव पड़ा है। बेंच ने संगठन से कहा कि ये स्थिति रुकनी चाहिए।
किसान संगठन ने मांगी थी जंतर मंतर पर धरने की मंजूरी
किसान महापंचायत नामक एक किसान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका करते हुए उससे जंतर मंतर पर सत्याग्रह करने की मंजूरी मांगी थी। संगठन ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह अधिकारियों को 200 किसानों को जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति देने का निर्देश दे। इस मांग पर जस्टिस एएम खानविलकर और सीटी रवि कुमार की बेंच ने कहा, "आपने पूरे शहर का दम घोंट दिया है और अब तुम शहर के अंदर आना चाहते हो।"
किसानों को न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा करना चाहिए- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ कोर्ट आने के बाद किसानों को न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा करना चाहिए था और उसे मामले का फैसला करने देना चाहिए था। कोर्ट ने पूछा, "अगर आपको कोर्ट पर भरोसा है तो प्रदर्शन करने की जगह उसे तत्काल सुनवाई के लिए मनाओ। क्या आप न्यायिक व्यवस्था के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हो... क्या यहां के निवासी प्रदर्शन से खुश हैं? ये सब रुकना चाहिए।"
कोर्ट ने कहा- नागरिकों के पास भी इधर-उधर घूमने का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट बेंच ने आगे कहा, "आप हाइवे बंद करते हो और फिर कहते हो कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। नागरिकों के पास भी इधर-उधर जाने का अधिकार है। उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है... आपने सुरक्षा बलों को भी रोका।" इस पर किसान संगठन के वकील ने कहा कि उन्होंने हाइवे बंद नहीं किया है और पुलिस ने उन्हें वहां हिरासत में रखा हुआ है। कोर्ट ने उनसे इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
कल भी सुप्रीम कोर्ट ने की थी किसानों पर तल्ख टिप्पणी
बता दें कि ये पिछले दो दिन में सुप्रीम कोर्ट की आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ दूसरी तल्ख टिप्पणी है। कल कोर्ट ने किसानों से कहा था कि उन्हें प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों पर आवाजाही को नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने कहा था, "जब समस्या का समाधान न्यायिक मंच, संसदीय बहस से हो सकता है तो फिर हाईवेज को बंद क्यों किया गया है। इन्हें हमेशा के लिए नहीं रोका जा सकता है।"
पिछले साल नवंबर से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं किसान
गौरतलब है कि किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 25 नवंबर, 2020 से दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे है। इससे गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, शाहजहांपुर बॉर्डर सहित कई मार्गों पर ट्रैफिक बंद है। नोएडा मार्ग के बंद होने से लोगों को 20 मिनट का सफर करने में दो घंटे का समय लग रहा है। इसी तरह शाहजहांपुर बॉर्डर पर एक तरफ का रास्ता बंद होने से दिल्ली जाने वाले लोगों का सफर लंबा हो गया है।