
किसान आंदोलन में हिंसा भड़का सकती है पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI, अलर्ट जारी
क्या है खबर?
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की टेढ़ी नजर है।
खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी किसान आंदोलन में हिंसा भड़का सकती है।
किसान आंदोलन पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए दिल्ली पुलिस और दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की मुस्तैद रहने के लिए कहा गया है।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
खुफिया जानकारी
सुरक्षाबलों के खिलाफ हिंसा भड़का सकते हैं ISI एजेंट्स
समाचार एजेंसी ANI ने खबर दी है कि किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर तैनात पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को अलर्ट कर दिया गया है। ऐसी जानकारी है कि ISI अपने एजेंट्स के जरिये प्रदर्शन स्थलों पर तैनात सुरक्षाबलों के खिलाफ हिंसा करवा सकती है।
इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने टिकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और अतिरिक्त जवानों को भी तैनात किया गया है।
जानकारी
कई घंटों तक बंद रहेंगे दिल्ली मेट्रो के तीन स्टेशन
दिल्ली पुलिस को भेजी जानकारी में देश की खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि 26 जून को किसानों के प्रदर्शन के दौरान ISI के एजेंट हिंसा भड़का सकते हैं। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अपने जवानों को अलर्ट कर दिया है।
साथ ही पुलिस ने मेट्रो को पत्र भेजकर तीन स्टेशनों को बंद रखने के लिए कहा है।
आज सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक दिल्ली मेट्रो के विश्वविद्यालय, सिविल लाइंस और विधानसभा स्टेशन बंद रहेंगे।
किसान आंदोलन
राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजेंगे किसान
पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली के बॉर्डर पर शुरू हुए किसान आंदोलन को आज सात महीने पूरे हो रहे हैं।
इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कानून रद्द करवाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हस्तक्षेप की मांग की है।
मोर्चे के नेताओं ने कहा कि देशभर के किसानों की तरफ से 26 जून को राष्ट्रपति के पास एक ज्ञापन भेजा जाएगा। इसमें उनसे तीन कानूनों को निरस्त करने और MSP पर कानून बनाने की अपील की जाएगी।
किसान आंदोलन
सरकार की किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील
दूसरी तरफ सरकार ने किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने की अपील की है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वो सभी किसान संघों से आंदोलन समाप्त करने की अपील करते हैं। कृषि कानूनों किसानों का जीवन बेहतर बनाने के लिए लाए गए हैं। सरकार अब तक किसानों के साथ 11 दौर की बातचीत कर चुकी है।
बता दें कि दोनों पक्षों के बीच आखिरी दौर की बातचीत को कई महीने बीत गए हैं।
कृषि कानून
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन कानून लाई थी।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।