नागरिकता संशोधन बिल: शिवसेना का सरकार पर हमला, कहा- हिंदुओं और मुस्लिमों में किया अदृश्य बंटवारा
नागरिकता (संशोधन) बिल को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए उसकी पूर्व सहयोगी शिवसेना ने केंद्र सरकार पर हिंदू और मुस्लिमों का अदृश्य बंटवारा करने का आरोप लगाया है। अपने मुखपत्र 'सामना' में भाजपा पर कड़ा हमला करते हुए शिवसेना ने आशंका जताई है कि अवैध हिंदू शरणार्थियों को स्वीकार किए जाने से देश में धार्मिक युद्ध शुरू हो सकता है। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले पड़ोसी देशों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
अमित शाह ने संसद में पेश किया बिल
बता दें कि आज गृह मंत्री अमित शाह ने विवादित नागरिकता (संशोधन) बिल को लोकसभा में पेश किया है। इस बिल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में राजनीतिक अत्याचार का सामना करने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को आसानी से भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। मुस्लिमों को इसके दायरे से बाहर रखने के कारण इस पर सवाल उठ रहे हैं।
शिवसेना ने उठाए बिल के समय पर सवाल
इसी विरोध में शामिल होते हुए शिवसेना ने सोमवार को 'सामना' के संपादकीय में लिखा कि अगर वोट बैंक के लिए नागरिकता बिल को पास करने की कोशिश की जा रही है तो यह देश के हित में नहीं है। बिल के समय पर सवाल खड़े करते हुए शिवसेना ने लिखा, "भारत में अभी समस्याओं की कमी नहीं है लेकिन फिर भी हम नागरिकता संशोधन बिल जैसी समस्या को न्योता दे रहे हैं।"
शिवसेना का आशंका, धार्मिक युद्ध का कारण बन सकता है बिल
सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए शिवसेना ने लिखा है, "ऐसा लगता है कि केंद्र ने बिल के ऊपर हिंदू और मुस्लिमों का अदृश्य बंटवारा कर दिया है।" इसमें आगे लिखा है, "ये सच है कि हिंदुओं के पास हिंदुस्तान के अलावा और कोई देश नहीं है। लेकिन क्या अवैध प्रवासियों में से केवल हिंदुओं को स्वीकार करना देश में एक धार्मिक युद्ध शुरू होने का कारण नहीं बनेगा?"
पूर्वोत्तर के राज्यों, पश्चिम बंगाल और बिहार में बिल के विरोध का दिया उदाहरण
संपादकीय में शिवसेना ने पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों में हो रहे बिल के विरोध के बारे में भी बात की है। इसके अलावा बिहार का भी उदाहरण दिया गया है जहां भाजपा की सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) बिल का विरोध कर रही है।
शिवसेना की सलाह, पड़ोसी देशों में हिदुओं पर अत्याचार रोकें प्रधानमंत्री मोदी
भाजपा पर इस हमले के बीच शिवसेना ने प्रधानमंत्री मोदी से पड़ोसी देशों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने को कहा है। शिवसेना ने लिखा है, "दूसरे देशों में जुल्म झेल रहे हिन्दुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसियों और जैनों को नागरिकता देने के बजाय अमित शाह और नरेंद्र मोदी को अपनी सख्त छवि का इस्तेमाल करते हुए इन देशों की सरकारों से बात करनी चाहिए और वहां पर हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकना चाहिए।"
बाहरी लोगों को 25 साल तक वोटिंग अधिकार न देने की मांग
शिवसेना ने ये भी कहा है कि भाजपा को अपने वादे के मुताबिक अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजना चाहिए। पार्टी ने पूछा है, "ऐसे अवैध प्रवासियों की निश्चित संख्या पता होनी चाहिए। अगर वो लाखों में हैं तो उन्हें भारत में कहां बसाया जाएगा?" शिवसेना ने जिन बाहरी लोगों को भारत की नागरिकता दी जाए उन्हें 25 साल तक वोटिंग का अधिकार नहीं देने की मांग भी की है।