कमल हासन पर भड़के तमिलनाडु के मंत्री, कहा- उनकी जीभ काट देनी चाहिए
क्या है खबर?
महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर दिए गए कमल हासन के बयान पर विवाद जारी है।
इसी बीच कमल हासन के बयान पर विवादित प्रतिक्रिया देकर तमिलनाडु के मंत्री केटी राजेंद्र बालाजी ने नया विवाद शुरू कर दिया है।
बालाजी ने कहा, "उनकी जीभ काट देनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि (आजाद भारत का पहला आतंकवादी) हिन्दू था। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, न हिन्दू, न मुस्लिम न ईसाई।"
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
बयान
जहर फैला रहे हैं कमल हासन- बालाजी
राज्य के दुग्ध एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता बालाजी ने हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए कमल हासन की पार्टी पर बैन लगाने की मांग की है।
उन्होंने कहा, "आप जहर क्यों उगल रहे हैं। (कमल हासन) का हर शब्द जहर है। हिंसा की जड़े फैला रहे कमल हासन की पार्टी पर बैन लगना चाहिए और चुनाव आयोग को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।"
भाजपा ने भी हासन के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने की कार्रवाई की मांग
तमिलनाडु भाजपा के प्रमुख टी सुंदरराजन ने हासन की आलोचना करते हुए ट्वीट किया है।
उन्होंने इसमें लिखा, 'हम चुनावी अभियान के दौरान दिए गए कमल हासन के हिंदू कट्टरवाद के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। वह ऐसे स्थान पर सांप्रदायिक हिंसा भड़का रहे हैं जहां भारी संख्या में अल्पसंख्यक हैं। चुनाव आयोग को उनके खिलाफ कड़ा से कड़ा कदम उठाना चाहिए।'
विवादित बयान
हासन ने गोडसे को बताया था आजाद भारत का पहला हिंदू आतंकवादी
रविवार को तमिलनाडु के अरावाकुरिची में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हासन ने कहा कि आजाद भारत का पहला आतंकवादी 'हिंदू' था।
हासन ने कहा, "मैं यह इसलिए नहीं कह रहा हूं कि यह मुस्लिम-बहुल इलाका है। मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यहां गांधी की प्रतिमा है। आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिंदू था, उसका नाम नाथूराम गोडसे है। यहीं से इसकी शुरुआत हुई।"
उनके इस बयान विवाद शुरू हो गया था।
विवादित बयान
हासन के इन बयानों पर भी हो चुका है विवाद
2017 में कमल हासन ने एक तमिल पत्रिका में लिखा था कि पहले दक्षिणपंथी हिंदू हिंसा में शामिल हुए बिना बहस किया करते थे। जैसे ही उनकी ये 'चालबाजी' असफल हुई, उन्होंने हिंसा का सहारा लेना शुरू कर दिया।
पुलवामा हमले के बाद भी उनके बयान पर विवाद हुआ था। उन्होंने कहा था कि भारत कश्मीर में जनमत संग्रह क्यों नहीं करा रहा है, सरकार किससे डरती है? हमारे जवान क्यों मरे? इससे नियंत्रण रेखा पर भी नियंत्रण रहेगा।