
सुप्रीम कोर्ट की राजस्थान सरकार को फटकार, पूछा- कोटा में इतने छात्र क्यों कर रहे आत्महत्या?
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर राजस्थान सरकार को फटकार लगाई है।
कोर्ट ने स्थिति को गंभीर बताते हुए राज्य सरकार से पूछा, "ये बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं और वह भी केवल कोटा में ही क्यों? क्या आपने एक राज्य के तौर पर इस पर विचार नहीं किया?"
बता दें कि छात्र आत्महत्या से जुड़ी 2 याचिकाओं पर जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ सुनवाई कर रही थी।
टिप्पणी
FIR में देरी पर भी कोर्ट ने जताई नाराजगी
कोर्ट ने कोचिंग छात्रा की आत्महत्या के मामले में FIR दर्ज न किए जाने पर भी राजस्थान पुलिस और राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।
कोर्ट ने कहा, "FIR दर्ज करने में 4 दिन क्यों लगे? हम इस मामले को बहुत गंभीरता से ले सकते थे। हम उस क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही भी कर सकते थे।"
इस पर पुलिस ने कहा कि FIR दर्ज हो चुकी है और जांच चल रही है।
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट 2 मामलों पर सुनवाई कर रहा है।
पहला मामला एक 22 साल के छात्र की आत्महत्या का है, जो IIT खड़गपुर में पढ़ता था। उसने 4 मई को अपने छात्रावास में फांसी लगा ली थी।
दूसरा मामला एक NEET अभ्यर्थी लड़की का है, जो कोटा में अपने माता-पिता के साथ रहती थी। उसने भी आत्महत्या कर ली थी।
इन दोनों ही मामलों का सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को स्वत: संज्ञान लिया था।
राज्य
कोर्ट की फटकार पर राज्य सरकार ने क्या कहा?
राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा, "राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में छात्रों की अस्वाभाविक मौतों और आत्महत्याओं की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) पहले ही गठित की जा चुकी है, ताकि इस संवेदनशील मुद्दे को गंभीरता से लिया जा सके।"
वहीं, FIR में देरी पर उन्होंने कहा, "कोटा पुलिस द्वारा पहले ही इनक्वेस्ट रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है। जांच भी जारी है और तुरंत FIR भी दर्ज की जाएगी।"
पिछली सुनवाई
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
6 मई को कोर्ट में जानकारी दी गई थी कि कोटा में 2025 में यह 14वीं आत्महत्या थी।
13 मई को कोर्ट ने IIT खड़गपुर के रजिस्ट्रार और छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश भी दिया था कि वो मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकने के लिए बनने वाली नेशनल टास्क फोर्स के गठन के लिए 20 लाख रुपए जमा कराएं।
जानकारी
तनाव से जूझने पर यहां से लें सहायता
अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं और आत्महत्या के ख्याल आ रहे हैं तो आप समाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 1800-599-0019 या आसरा NGO के हेल्पलाइन नंबर 91-22-27546669 पर संपर्क कर सकते हैं।