दिल्ली को हिमाचल प्रदेश से मिलेगा अतिरिक्त पानी, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश
दिल्ली को जल्द जल संकट से राहत मिल सकती है। जल संकट को लेकर दिल्ली सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा है कि वह दिल्ली में पानी पहुंचने की राह में रोड़ा न बने, बल्कि सहयोग करे। कोर्ट ने कहा है कि पानी की बर्बादी न हो इसका भी ध्यान रखा जाए।
हिमाचल दिल्ली कल ही 127 क्यूसेक पानी छोड़े- कोर्ट
कोर्ट ने कहा, "चूंकि हिमाचल प्रदेश को कोई आपत्ति नहीं है, इसलिए हम निर्देश देते हैं कि वह ऊपरी धारा से 127 क्यूसेक पानी छोड़े, जो हथिनीकुंड बैराज तक पहुंचे और फिर वजीराबाद होते हुए दिल्ली पहुंचे। आवश्यकता को देखते हुए हम हिमाचल प्रदेश को हरियाणा को पूर्व सूचना देते हुए कल पानी छोड़ने का निर्देश देते हैं। अपर यमुना रिवर बोर्ड (UYRB) आगे की आपूर्ति के लिए पानी की स्थिति मापेगा।"
हरियाणा ने जताई आपत्ति तो कोर्ट ने क्या कहा?
दिल्ली की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ब्यास नदी का पानी हरियाणा की नहरों के जरिए भेजा जा सकता है, लेकिन हरियाणा इसके लिए तैयार है। इस पर कोर्ट ने हरियाणा सरकार से सवाल किया कि जब हिमाचल प्रदेश ने सहमति दे दी है तो आप रास्ता क्यों नहीं दे सकते? इस पर हरियाणा के वकील ने कहा कि यह प्रस्ताव संभव नहीं है, ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे यह संभव हो सके।
कोर्ट ने कहा- पानी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
कोर्ट ने कहा, "पानी हिमाचल से आ रहा है, हरियाणा से नहीं। यह रास्ते के अधिकार का मामला है। अगर हम इतने गंभीर मुद्दे पर संज्ञान नहीं लेते हैं तो क्या होगा। हिमाचल जब पानी दे रहा है तो हरियाणा इसे पास होने दे। अगर जरूरत पड़ी तो हम मुख्य सचिव को आदेश देंगे। कल यह कहते हुए राजनीति नहीं होनी चाहिए कि हिमाचल पानी दे रहा है, लेकिन हरियाणा नहीं छोड़ रहा है।"
क्या है मामला?
दिल्ली गंभीर जल संकट से जूझ रहा है। 31 मई को दिल्ली सरकार ने याचिका दायर कर कोर्ट ने आग्रह किया था कि वो हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने का निर्देश दे। इस याचिका पर 3 जून को सुनवाई हुई थी। तब कोर्ट ने UYRB से 5 जून को सभी हितधारक राज्यों की एक आपात बैठक बुलाने को और 6 जून तक स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा था।