
दिल्ली में इतनी गर्मी क्यों पड़ रही और इसका क्या असर?
क्या है खबर?
दिल्ली में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है और मौसम विभाग ने यहां अगले 4 दिन तक भयंकर लू पड़ने की संभावना जताई है। इस दौरान अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
भारतीय मौसम विभाग ने साफ आसमान और तेज सतही हवाएं चलने की बात भी कही है, जिससे लू की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
आइए दिल्ली में इतनी भीषण गर्मी पड़ने का कारण और इसके प्रभाव के बारे में जानते हैं।
गर्मी की लहर
गर्मी की व्यापक लहर का हिस्सा है दिल्ली की गर्मी
दिल्ली में पड़ रही भीषण गर्मी उत्तरी और केंद्रीय भारत में चल रही एक व्यापक गर्मी की लहर का हिस्सा है।
रविवार को राजस्थान के फलौदी में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया। ये जून, 2019 के बाद भारत में दर्ज किया गया सबसे अधिक तापमान है। तब राजस्थान के ही चुरू में तापमान 50.8 डिग्री पहुंच गया था।
राजस्थान के बाड़मेर में 48.8 डिग्री, जैसलमेर में 48 डिग्री और बीकानेर में 47.2 डिग्री तापमान रहा।
कारण
दिल्ली में अधिक गर्मी पड़ने का क्या कारण?
सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ इनवायरमेंट एंड बायोडायवर्सिटी के संस्थापक आकाश वशिष्ठ ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि जमीन और सतह के कंक्रीटीकरण के कारण दिल्ली 'हीट चैंबर' बन जाता है, जिससे यहां अधिक गर्मी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि यहां गर्मी वातावरण के निचले स्तर पर ही कैद हो जाती है, जिससे तापमान बढ़ जाता है।
उत्तरी और मध्य भाग को प्रभावित करने वाला व्यापक जलवायु पैटर्न भी इसका एक अहम कारण है।
प्रभाव
किन समूहों पर पड़ रहा गर्मी का सबसे ज्यादा प्रभाव?
दिल्ली में गर्मी की लहर से सबसे अधिक प्रभाव कम आय वाले परिवारों पर पड़ रहा है, जिनकी आमतौर पर पानी और ठंडा करने के साधनों तक सीमित पहुंच होती है। इसके साथ ही कम हवादार और ठीक तरीके से नहीं बने अनौपचारिक आवास भी उन पर गर्मी के प्रभाव को बढ़ा देते हैं।
इनके अलावा बाहर काम करने वाले कर्मचारियों, बुजुर्गों और बच्चों को भी लू का अधिक खतरा रहता है।
बिजली-पानी
बिजली-पानी पर गर्मी का क्या असर?
दिल्ली में भीषण गर्मी का असर बिजली-पानी की मांग पर भी देखने को मिला है।
पिछले दिनों यहां पहली बार बिजली की मांग 8,000 मेगावाट से अधिक हो गई क्योंकि लोगों ने एयर कंडीशनर (AC) और कूलर पूरी क्षमता पर चलाए।
गर्मी के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर भी कम हो गया है, जिससे पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।
पिछले हफ्ते देशभर के 150 प्रमुख जलाशयों में जलस्तर 5 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था।
अन्य राज्य
अन्य राज्यों में क्या स्थिति?
देश के अन्य इलाकों में भी भीषण गर्मी पड़ रही है।
हालिया समय में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश की कम से कम 17 जगहों पर तापमान 45 डिग्री या इससे अधिक रहा।
पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में भी तापमान 40 डिग्री को पार कर गया। हिमाचल प्रदेश, असम और अरुणाचल प्रदेश भी यही स्थिति है।
मौसम विभाग ने राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और गुजरात के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 1998 से 2017 के बीच 1.66 लाख से अधिक लोगों की गर्मी की वजह से मौत हुई। भारत में अकेले 2015 से 2022 के बीच 3,812 लोगों की गर्मी के कारण मौत हुई। सालाना 13 अरब डॉलर का खाना भी बर्बाद होता है।
इसके अलावा विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक गर्मी के कारण वैश्विक स्तर पर 8 करोड़ नौकरियां कम हो सकती हैं, जिनमें से 3.4 करोड़ अकेले भारत की होंगी।