गर्मी के कारण बिहार के 3 जिलों में 24 घंटे के अंदर 70 लोगों की मौत
देशभर में गर्मी और जल संकट की समस्या कितनी बढ़ गई है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बिहार के मात्र तीन जिलों में पिछले 24 घंटे के अंदर 70 से अधिक लोगों को गर्मी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं, चेन्नई में जल संकट के कारण हिंसक टकराव होने लगे हैं। ऐसे ही एक टकराव में तमिलनाडु विधानसभा स्पीकर के ड्राइवर ने अपनी पड़ोसी पर एक तीखे हथियार से हमला कर दिया।
गया, औरंगाबाद और नवादा में हुईं मौतें
बिहार के मगध क्षेत्र के गया, औरंगाबाद और नवादा में लोगों को गर्मी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। स्थानीय स्वास्थ्य निर्देशक डॉ विजय कुमार के अनुसार, उष्म लहर के कारण औरंगाबाद में 30, गया में 20 और नवादा में 10 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (ANMMCH) में भी 10 लोगों के मरने की खबर है, लेकिन अभी तक इन्हें आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया है।
45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचा तापमान
वहीं, जहानाबाद और अरवाल में गर्मी की वजह से अभी तक किसी व्यक्ति के मरने की खबर तो नहीं है, लेकिन कई मरीजों को ANMMCH अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौसम कार्यालय के अनुसार, गया में शनिवार को 45.2 डिग्री सेल्सियस तापमान था। वहीं, रविवार को 42 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। कार्यालय ने तापमान के जल्द ही फिर से 44 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने की अनुमान लगाया है।
सतर्क हैं जिलाधिकारी
इस संकट के बीच पांचों जिलों के जिलाधिकारी सतर्क हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उचित सुविधाएं मौजूद हों। औरंगाबाद के जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त डॉक्टरों को लगाया है और उन्हें सारी जरूरतमंद दवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने ANMMCH अस्पताल का दौरा किया और बताया कि अभी भी वहां 30 से अधिक लोगों को इलाज चल रहा है।
सूखे पानी के ज्यादातर साधन
गर्मी से बचाव के लिए जिलाधिकारियों ने लोगों के लिए 'क्या करें और क्या नहीं करें' सूची जारी की है। लोगों को दिन के दौरान बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। सभी सरकारी और निजी स्कूलों को भी बंद रहने का आदेश दिया गया है। जल संकट ने परेशानियों को और बढ़ा दिया है। गया और आसपास के जिलों में भूजल का स्तर तेजी से घट रहा है और ज्यादातर पानी के साधन सूख चुके हैं।
चेन्नई में हिंसा का कारण बन रही पानी की कमी
वहीं, चेन्नई में भारी जल संकट के बीच हिंसक घटनाएं होने लगी हैं। पिछले हफ्ते जब मोहन ने अपनी पानी की मोटर चलाई तो पड़ोसियों ने उसे रोका। जब उसकी पत्नी सुभाषिनी उसके समर्थन में आगे आई तो आतिमूलम रामाकृष्णन ने उसकी गर्दन पर तीखे हथियार से हमला कर दिया। राधाकृष्णन तमिलनाडु के स्पीकर का ड्राइवर है। इससे पहले चेन्नई की कई IT कंपनियों ने पानी की कमी की वजह से अपने कर्मचारियों को घर से काम दे दिया था।