दिल्ली: वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जताई नाराजगी, कहा- हमें नतीजे चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर नाराजगी जाहिर की है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पिछले 6 सालों से तमाम कोशिशों के बाद भी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बनी हुई है, लेकिन अब हमें नतीजे चाहिए। इस दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि ऑड-ईवन योजना का पहले भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है और योजना लागू करने के बाद सार्वजनिक परिवहन के उपयोग में भी वृद्धि देखी गई है।
कोर्ट ने कहा- पराली जलाने पर तुरंत लगाए जाए रोक
जस्टिस संजय किशन कौल की अगुवाई वाली जजों की पीठ ने आदेश देते हुए कहा कि पराली जलाने के घटनाओं को तत्काल कैसे रोक जाए, इस पर दिल्ली सरकार अन्य राज्य सरकारों के साथ मिलकर व्यवस्था बनाए। कोर्ट ने कहा, "पराली जलाने के होने वाले प्रदूषण को लेकर हमें सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब करने पर मजबूर न करें। दिल्ली सरकार और अन्य राज्य सरकारों के साथ मिलकर पराली जलाने पर तुंरत रोक लगाए।"
कोर्ट ने कहा- पंजाब सरकार को लेनी होगी जिम्मेदारी
कोर्ट की पीठ ने कहा, " पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी है। इसके आशय है कि वहां मशीनों का उपयोग नहीं किया जा रहा है। हमें सख्ती बरतनी होगी और पंजाब सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।" पीठ ने कहा, "किसानों को अन्य फसल उगाने का विकल्प भी देना होगा क्योंकि प्रदूषण के कारण दिल्ली प्रभावित है।" बता दें कि अब कोर्ट में 21 नवंबर को मामले की सुनवाई होगी।
ऑड-ईवन में ईंधन की खपत में 15 प्रतिशत की कमी
इससे पहले दिल्ली सरकार ने कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा है कि इस योजना से सार्वजनिक परिवहन के उपयोग में वृद्धि देखने को मिली है। सरकार ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, "इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा और सड़क पर भीड़भाड़ कम हुई। इससे ईंधन की खपत में 15 प्रतिशत की कमी आई।" सरकार ने कोर्ट में कहा कि 2015 से इस साल जुलाई तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क के रूप में 1491.16 करोड़ रुपये एकत्र किए गए।
CNG वाहनों पर लगाया जाएगा प्रतिबंध- दिल्ली सरकार
सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि वह CNG वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाने जा रही है क्योंकि पहले जब ऑड-ईवन लागू किया गया था तो लोगों ने पुरानी गाड़ियां खरीदकर उनमें CNG किट लगवा ली थी। इससे 2 तरह की परेशानियां सामने आई थी। पहली ये कि सड़कों पर गाड़ियों की संख्या में कोई कम नहीं हुई और दूसरी ये कि पुरानी गाड़ियां CNG किट न लगी होने के बावजूद भी उन्हें पेट्रोल पर चलाया गया था।
कोर्ट ने योजना को बताया था अवैज्ञानिक
इससे पहले 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने इस योजना को अवैज्ञानिक करार देते हुए मात्र दिखावा बताया था। कोर्ट ने कहा था, "आप (दिल्ली सरकार) पहले भी ऑड-ईवन योजना ला चुके हैं, क्या ये सफल हुई? यह सब सिर्फ दिखावे के लिए है।" कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने इस योजना को लेकर एक हलफनामा दायर किया है।
क्या है दिल्ली की ऑड-ईवन योजना?
ऑड-ईवन योजना में ऑड (विषम) तारीख को ऑड नंबर की गाड़ियां और ईवन (सम) तारीख को ईवन नंबर की गाड़ियां सड़कों पर चलती हैं। ये गाड़ियों की नंबर प्लेट के आखिरी अंक से निर्धारित होता है। अगर आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट का आखिरी अंक ईवन है तो आप ईवन तारीख वाले दिन गाड़ी चला सकते हैं। इसी तरह आपकी गाड़ी का आखिरी नंबर ऑड है तो आप ऑड तारीख को गाड़ी चला सकते हैं।