बिहार जातिगत सर्वे: सुप्रीम कोर्ट ने आंकड़े जारी करने पर रोक लगाने से इनकार किया
बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दिया है। कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जनवरी, 2024 तक जवाब दायर करने को कहा है। बता दें कि बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह किसी भी सरकार को कोई फैसला लेने से नहीं रोक सकता। कोर्ट ने कहा, "हम राज्य सरकार या किसी भी सरकार को निर्णय लेने से नहीं रोक सकते। यह गलत होगा। यदि डाटा के संबंध में कोई मुद्दा है तो उस पर विचार किया जाएगा। हम राज्य सरकार की शक्ति के संबंध में अन्य मुद्दे की जांच करने जा रहे हैं। हाई कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत आदेश जारी किया था।"
2 NGO ने दायर की है याचिका
बता दें कि 2 गैर-सरकारी संगठनों (NGO) 'यूथ फॉर इक्वालिटी' और 'एक सोच एक प्रयास' ने पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उसने जातिगत सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि बिहार सरकार ने लोगों की जाति पूछकर निजता के उनके मौलिक अधिकार का हनन किया है।
कानूनी लड़ाई जीतने के बाद बिहार सरकार ने कराया था जातिगत सर्वे
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने हाई कोर्ट तक चली कानूनी लड़ाई जीतने के बाद कराए गए जातिगत सर्वे के आंकड़े इसी सोमवार यानी 2 अक्टूबर को जारी किए थे। सर्वे में सामने आया था कि राज्य की आबादी 13 करोड़ से अधिक हैं, जिसमें से 27.12 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग और 36.01 प्रतिशत अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आते हैं। इस तरह से राज्य की आबादी में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की आबादी 63 प्रतिशत है।
अन्य वर्गों और जातियों की कितनी आबादी?
जातिगत सर्वे में सामने आया था कि बिहार की 15.52 प्रतिशत आबादी तथाकथित उच्च जातियों यानि सवर्ण जातियों से संबंध रखती है। अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 प्रतिशत है। जातियों की बात करें तो बिहार में भूमिहारों की आबादी 2.86 प्रतिशत, ब्राह्मणों की आबादी 3.66 प्रतिशत, कुर्मियों की आबादी 2.87 प्रतिशत, मुसहरों की आबादी 3 प्रतिशत, यादवों की आबादी 14 प्रतिशत और राजपूत की आबादी 3.45 प्रतिशत के करीब है।