दिल्ली में 10 प्रतिशत महंगी हुई बिजली, DERC ने दी मंजूरी
दिल्ली में बिजली की दरों में इजाफा हो सकता है। राष्ट्रीय राजधानी में पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट (PPAC) के माध्यम से कंपनियों को बिजली शुल्क बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। ऐसे में अब दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दिल्ली के ट्रांस-यमुना क्षेत्र और पुरानी दिल्ली में रहने वाले लोगों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। इन इलाकों में बिजली दर 10 प्रतिशत तक महंगी हो जाएगी। NDMC (नई दिल्ली क्षेत्र) में रहने वाले लोगों पर भी इसका असर पड़ेगा।
सरकार ने क्या कहा?
दिल्ली सरकार ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) द्वारा बिजली की दरों में बढ़ोतरी को लेकर बयान जारी किया है। सरकार ने कहा, "इस बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा। PPAC के तहत बिजली की कीमतें घटती-बढ़ती रहती हैं। ठंड के मौसम में बिजली सस्ती हो जाती है, जबकि गर्मियों में कीमत थोड़ी बढ़ जाती हैं। बिजली दर हर तिमाही में घटती-बढ़ती रहती हैं, जो कोयले और गैस की कीमतों पर निर्भर है।"
DERC ने कंपनियों की मांग पर की बढ़ोतरी
DERC से दिल्ली के यमुना और राजधानी क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति करने वाली कंपनियों जैसे पावर डिस्कॉम, BYPL (यमुना क्षेत्र ) और BRPL (राजधानी क्षेत्र) ने बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर अनुरोध किया था। 22 जून को DERC ने एक आदेश जारी करते हुए बिजली खरीद की ऊंची लागत के आधार पर इन कंपनियों द्वारा बिजली दरों में बढ़ोतरी की मांग को स्वीकार कर लिया। अब उपभोक्ताओं को बिजली के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी।
बिजली दरों में कितनी हुई बढ़ोतरी?
DERC के आदेश के मुताबिक, अगले 9 महीने (जुलाई, 2023 से मार्च, 2024) तक BYPL के उपभोक्ताओं को 9.42 प्रतिशत, जबकि BRPL के उपभोक्ताओं को 6.39 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इसके अलावा NDMC क्षेत्र में रहने वाले उपभोक्ताओं को समान अवधि के दौरान बिजली की खपत के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त कीमत चुकानी होगी। टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) उपभोक्ताओं को पुरानी दरों पर ही बिजली मुहैया कराएगी।
दिल्ली में बिजली की मांग में 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी
दिल्ली में गर्मी का मौसम आते ही बिजली की मांग बढ़ने लगती है, जो प्रतिदिन 6,000 मेगावाट तक पहुंच जाती है। अप्रैल के बाद से दिल्ली में बिजली की मांग में 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में DERC से BYPL ने 45.64 प्रतिशत और BRPL ने 48.47 प्रतिशत अतिरिक्त बिजली खरीद की मांग भी की है। यह शुल्क इन क्षेत्रों के लिए पहले से लागू PPAC के अतिरिक्त है।