प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सरकारों को फटकार, कहा- हालात जीने लायक नहीं
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली में फैले प्रदूषण की स्थिति पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि हर साल दिल्ली में ऐसी स्थिति होती है और सरकारें कुछ नहीं कर रही।
कोर्ट ने केंद्र समेत राज्यों सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा कि इन हालातों में कैसे जिया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि यहां राज्य सरकारों को चुनावों में ज्यादा दिलचस्पी है। यहां लोग मर रहे हैं। किसी भी सभ्य देश में ऐसा नहीं होता।
सुनवाई
इस तरह की हालत में नहीं जिया जा सकता- SC
कोर्ट ने कहा कि इस तरीके से नहीं जिया जा सकता। केंद्र सरकार और राज्य सरकार को कुछ करना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि लुटियन जोन में एक बेडरुम में भी AQI 500 तक पहुंच गया है और ये दिल्ली का हाल है। लोग प्रदूषण के चलते जिंदगी के कीमती साल गंवा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोगों को जीने का अधिकार है। एक पराली जलाता है और दूसरे के जीने के अधिकार का उल्लंघन करता है।
सुनवाई
जीने का अधिकार सबसे जरूरी- SC
जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार करे या फिर राज्य सरकार, इससे मतलब नहीं है।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हर साल 10-15 दिन के लिए हमें ये देखना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली का दम घुट रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार और केंद्र एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में उलझे हुए हैं। ऐसा किसी सभ्य देश में नहीं होता। जीने का अधिकार सबसे जरूरी है।
फटकार
पराली जलाने को लेकर हरियाणा-पंजाब को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार से सवाल किया कि किसान पराली क्यों जला रहे हैं।
कोर्ट ने दोनों राज्यों की सरकारों से पूछा कि अगर ग्राम पंचायतें इसके लिए जिम्मेदार हैं तो उनसे बात क्यों नहीं की जा रही है।
कोर्ट ने दोनों राज्यों की सरकारों से पूछा कि उन्होंने सरपंचों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है। कोर्ट ने कहा कि क्या आप लोग चाहते हैं कि लोग मर जाए।
ऑड-ईवन
दिल्ली सरकार से पूछा- ऑड-ईवन का क्या फायदा?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन नियम पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि आखिर इस नियम से हासिल क्या होता है।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि इस नियम का फायदा क्या है। दिल्ली सरकार से पूछा कि आखिर आप हवा को बेहतर करने के लिए क्या कर रहे हैं।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपने 3,000 बसें लाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक 120 बसें आई हैं।
पेशी
दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों को दिए पेश होने के आदेश
देश की शीर्ष अदालत ने हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को 6 नवंबर को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने को कहा है। साथ ही इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार को एक्सपर्ट्स की सलाह लेने के आदेश दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह शुक्रवार तक इस बात का डाटा पेश करें कि ऑड-ईवन नियम से प्रदूषण में कमी आई है।
जानकारी
निर्माण कार्य करने पर लगेगा एक लाख का जुर्माना
कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रतिबंध के बावजूद निर्माण कार्य करने वालों पर एक लाख रुपये का जुर्माना और कूड़ा जलाने वालों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कोर्ट ने नगर निगमों से खुले में कूड़ा डालने पर रोक लगाने को कहा है।