पतंजलि भ्रामक विज्ञापन: सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को पेश होने को कहा
अवमानना के नोटिस का जवाब न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक बाबा रामदेव और प्रबंधक निदेशक (MD) आचार्य बालकृष्ण को निजी तौर पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। उन्हें 2 हफ्ते के अंदर कोर्ट के सामने पेश होना होगा। रोक के बावजूद औषधीय उपचार से संबंधित भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पतंजलि को अवमानना का नोटिस जारी किया था, जिसका कंपनी ने जवाब नहीं दिया।
क्या है मामला?
27 फरवरी को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक और झूठ दावों को लेकर पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों पर पूर्ण रोक लगा दी थी। इसके अलावा उसके आदेश के बावजूद भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करना जारी रखने के लिए कोर्ट ने पंतजलि आयुर्वेद के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी और कंपनी और MD आचार्य बालकृष्ण को नोटिस जारी किया था। उन्होंने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया, जिसके बाद आज कोर्ट ने नया आदेश जारी किया।
किन विज्ञापनों को लेकर हुई पतंजलि पर कार्रवाई?
पतंजलि पर ऐसे विज्ञापनों को लेकर कार्रवाई हुई है, जिनमें उसने बीमारियों को जड़ से मिटाने का दावा किया था। कंपनी ने एक विज्ञापन में नयोग की मदद से मधुमेह और अस्थमा को 'पूरी तरह से ठीक' करने का दावा किया था। इसके अलावा उसने श्वासारि और करोनिल दवा से कोविड ठीक होने का झूठा दावा भी किया था। कोर्ट ने 21 नवंबर, 2023 को पतंजलि को चेतावनी देते हुए उससे ऐसे भ्रामक विज्ञापन न दिखाने को कहा था।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी लगाई थी कड़ी फटकार
पिछले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के लिए केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था, "पूरे देश को बेवकूफ बनाया जा रहा है और सरकार ने इस पर अपनी आंखे मूंद ली हैं। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।" कोर्ट ने सरकार से पूछा था, "आपने पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की?" उसने सरकार को तत्काल कोई कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था।
भारतीय चिकित्सा संघ ने दायर की है पतंजलि के खिलाफ याचिका
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में ये सुनवाई भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) की याचिका पर हो रही है। 2022 में दायर की गई अपनी याचिका में IMA ने पतंजलि पर एलोपैथी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों पर लांछन लगाने का आरोप भी लगाया है। उसने कहा कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीन के बारे में झूठी अफवाहें फैलाकर लोगों में वैक्सीन को लेकर झिझक पैदा की। इसके अलावा रामदेव पर ऑक्सीजन सिलेंडर ढूढ़ रहे लोगों का मजाक उड़ाने का आरोप भी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
कोरोना महामारी के दौरान जब देश में हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही थी, तब बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोग एलोपैथिक दवाओं के कारण मर रहे हैं। उन्होंने एलोपैथी को 'बेवकूफ' और 'दिवालिया' विज्ञान कहा था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि भारत में कई डॉक्टरों की कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराकों के कारण मौत हो गई। IMA ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।