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    जोशीमठ: जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों के लिए क्या-क्या कर रही है सरकार?

    जोशीमठ: जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों के लिए क्या-क्या कर रही है सरकार?
    लेखन नवीन
    Jan 11, 2023, 07:24 pm 1 मिनट में पढ़ें
    जोशीमठ: जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों के लिए क्या-क्या कर रही है सरकार?
    जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मदद के लिए उत्तराखंड सरकार ने कई कदम उठाए हैं

    उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव का मुद्दा इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर आपदा प्रभावितों के बचाव और पुनर्वास की योजना बना रही है। इसी कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को एकमुश्त डेढ़ लाख रुपये अंतरिम सहायता के तौर पर देने की घोषणा की। आइए जानते हैं आपदाग्रस्त जोशीमठ के निवासियों के लिए राज्य सरकार क्या-क्या कर रही है।

    कितनी इमारत हुईं प्रभावित और क्या मुआवजा दिया जाएगा?

    उत्तराखंड सरकार के मुताबिक, जोशीमठ में 723 क्षतिग्रस्त इमारतों को चिन्हित किया गया है और बुधवार तक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थाई राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा चुका है। सरकार ने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और भू-धंसाव से जो परिवार प्रभावित हुए हैं, उन्हें बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 33 और 34 के तहत लोगों का पुनर्वास किया जाएगा।

    अभी क्या आर्थिक मदद दी जा रही?

    मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर 50,000 रुपये घर शिफ्ट करने और एक लाख रुपये आपदा राहत के तौर पर एडवांस दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग किराए के घर में जाना चाहते हैं, उनको अगले छह महीने तक 4,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आवास एवं शहरी विकास विभाग को जोशीमठ का मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

    प्रभावित परिवारों को कहां शिफ्ट किया जा रहा है?

    जिला प्रशासन के मुताबिक, जोशीमठ में 200 से अधिक घरों को चिन्हित करके उनके ऊपर लाल निशान लगाया गया है और इन घरों में रहने वाले लोगों को अस्थायी राहत केंद्रों या किराये के घर में शिफ्ट होने को कहा गया है। जोशीमठ में कुल 16 स्थानों पर प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी राहत केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा प्रभावित लोगों के रहने के लिए होटलों, अतिथि गृहों, स्कूल भवनों और पीपलकोटी में भी व्यवस्था की गई है।

    प्रभावितों के पुनर्वास की क्या योजना है?

    उत्तराखंड सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के साथ मिलकर प्रभावितों के पुनर्वास की योजना बना रही है। अभी प्रभावित लोगों को तीन स्थानों, कोटी कॉलोनी, पीपलकोटी और जड़ी-बूटी संस्थान, पर शिफ्ट करने का विचार है। इसके लिए चयनित स्थलों का जल्द भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जाएगा। मुख्य सचिव एसएस संधू ने बताया कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार की ओर से पूरी सहायता मिल रही है और आवश्यकता पड़ने पर एक पैकेज बनाकर केंद्र को भेजा जाएगा।

    राज्य सरकार ने अब तक कितने पैसे खर्च किए?

    उत्तराखंड सरकार की ओर से जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मदद के लिए 11 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष से एक करोड़ रुपये पहले जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा प्रत्येक प्रभावित परिवार को डेढ़ लाख रुपये देने पर मुख्यमंत्री की सहमति के बाद सरकार इसके लिए 45 करोड़ रुपये का शासनादेश जारी करेगी। जोशीमठ को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने के बाद राज्य सरकार को केंद्र से भी आपदा मद के तहत बजट मिलने की उम्मीद है।

    क्या सरकार के कार्य से खुश हैं प्रभावित लोग?

    ज्यादातर प्रभावित लोग सरकार के कार्य से संतुष्ट हैं, लेकिन कुछ लोग इमारतों को तोड़ने का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, सरकार ने क्षतिग्रस्त इमारतों को तोड़ने का फैसला लिया है। आज प्रशासन की टीम दो होटलों को ध्वस्त करने पहुंची थीं, लेकिन होटल मालिक और स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए। होटल मालिक ने कहा कि उन्हें पहले सूचित करते हुए उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए था। सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है और कार्रवाई रोक दी है।

    सरकार का प्रदर्शनों पर क्या कहना है?

    प्रशासन का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर सर्वे का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और सभी प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा। प्रभावितों का कहना है कि प्रशासन बाजार रेट से मुआवजा देने की बात तो कर रहा है, लेकिन मुआवजा कितना दिया जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने मोर्चा संभाल लिया है और वह जोशीमठ पहुंच कर रातभर यहीं रुकेंगे।

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