उत्तराखंड हिमस्खलन: घटनास्थल से 12 और शव बरामद, 16 हुई मृतकों की संख्या
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित द्रौपदी का डंडा-2 पर्वत चोटी के पास मंगलवार को हिमस्खलन में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NMI) के प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के एक दल के फंसने के दो दिन बाद बचावकर्मियों ने घटनास्थल से 12 और शव बरामद कर लिए है। इसके साथ ही इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। अभी भी 15 पर्वतारोही लापता बताए जा रहे हैं और बचावकर्मी उनकी तलाश में जुटे हुए हैं।
ट्रैकिंग के लिए गया था 61 सदस्यीय दल
राज्य आपात अभियान केंद्र (SEOC) के अनुसार, NMI में उन्नत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का 61 सदस्यीय दल (प्रशिक्षु और प्रशिक्षक शामिल) 23 सितंबर को द्रौपदी का डंडा-2 पर्वत शिखर पर ट्रैकिंग के लिए गया था। वापसी में मंगलवार को जब वह 17,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचे तो हिमस्खलन हो गया। इसके बाद 30 पर्वतारोहियों को तो बचा लिया गया, लेकिन 31 वहां फंस गए। इनमें से चार लोगों के शव उसी दिन बरामद कर लिए गए थे।
न्यूजबाइट्स प्लस
ऊंची पर्वतीय जगहों पर इकट्ठी बर्फ की परतों में अस्थिरता आने की वजह से हिमस्खलन की स्थिति उत्पन्न होती है। बता दें कि भारी बर्फबारी, तेजी से चलने वाली हवा, स्टीपर ढलान और भूकंप आदि कारणों से बर्फ की परतों में अस्थिरता आ सकती है।
सूचना मिलते ही सरकार ने शुरू किया बचाव अभियान
NMI दल के हिमस्खलन के फंसने की सूचना के साथ ही सरकार ने जिला प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF), राज्य आपदा राहत बल (SDRF) और सेना के टीमें भेजकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया था। इसी तरह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात कर भारतीय वायुसेना की भी मदद मांगी थी। उसके बाद वायुसेना की ओर से चार चीता हेलीकॉप्टर भेजे गए थे। उन्हीं की मदद से पर्वतारोहियों की तलाश जारी है।
12 और शव हुए बरामद- NMI
NMI ने गुरुवार को कहा कि बचावकर्मियों ने घटनास्थल से दो प्रशिक्षकों और 14 प्रशिक्षुओं सहित कुल 12 शव और बरामद किए हैं, जबकि चार शव पहले दिन बरामद किए गए थे। इस तरह से इस घटना में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 16 हो गई है। बयान में कहा गया है कि अभी भी 15 पर्वतारोही लापता हैं और उनकी तलाश में जुटी हुई है। इससे पहले पुलिस ने कुल 10 शव बरामद होने की बात कही थी।
बचाव कार्य में शामिल हुई हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल की टीम
SEOC के अधिकारियों ने बताया कि बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग स्थित हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल की 14 सदस्यीय टीम भी गुरुवार को बचाव कार्य में शामिल हो गई। इससे लापता पर्वतारोहियों की तलाशी अभियान में तेजी आएगी।
मुख्यमंत्री ने किया बचाव कार्य का हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री धामी ने बुधवार को हिमस्खलन की चपेट में आए प्रशिक्षु पवर्तारोहियों के बचाव के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया। इससे पहले उन्होंने ITBP गेस्ट हाउस मातली में अधिकारियों की बैठक ली और घटनास्थल की जानकारी ली। उस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने राहत कार्य में जुटे अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही घायलों का बेहतर इलाज करने को भी कहा।
15 दिन में एवरेस्ट फतह करने वाली सविता की हुई मौत
इस हादसे में जान गंवाने वालों में उत्तराखंड की दो कुशल पर्वतारोही लोंथरू सविता कंसवाल (24) और भुक्की गांव निवासी नवमी रावत (24) भी शामिल है। सविता ने इसी साल मई में 15 दिन के अंदर माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वत फतह कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। इसी तरह गंगाघाटी में नवमी एक अच्छे प्रशिक्षक के तौर पर जानी जाती थीं। दोनों की मौत से पूरा उत्तरकाशी दुखी है। विभिन्न संगठनों ने उनकी मौत पर शोक जताया है।