'वंदे भारत मिशन' की उड़ानों में हो रही है तस्करी, अब तक कई लोग गिरफ्तार
कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बाद देश से अंतररष्ट्रीय उड़ानों का संचालन बंद है। सरकार ने 'वंदे भारत मिशन' के तहत ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन की अनुमति दी है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अंतररष्ट्रीय उड़ानों का संचालन बंद होने के बाद भी तस्करी गिरोह 'वंदे भारत मिशन' के तहत संचालित हो रही उड़ानों से तस्करी कर रहे हैं।
हैदराबाद हवाई अड्डे से 3.11 किलो सोने के साथ 11 गिरफ्तार
इंडिया डॉट कॉम की रिपोर्ट की अनुसार गुरुवार को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दम्मम से 3.66 करोड़ रुपये की कीमत के 3.11 किलो सोने की तस्करी करने के मामले में 11 यात्रियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, यह तस्करी का पहला प्रयास नहीं है। पिछले हफ्ते अधिकारियों ने दुबई की उड़ान में पहुंचे एक व्यक्ति से लगभग 3.5 लाख रुपये का सोना जब्त किया था। यात्री ने अपनी कलाई घड़ी में 74 ग्राम कंट्राब छुपाया था।
त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राजनयिक के सामान से पकड़ा था 30 किलो सोना
सोने की तस्करी का सबसे बड़ा मामला जुलाई के पहले सप्ताह में केरल के त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सामने आया था। कस्टम विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त अरब आमीरात (UAE) दूतावास के एक राजनयिक सामान में छिपाकर लाए जा रहा 30 किलो सोना जब्त किया था। इस रैकेट की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को बताया जा रहा है। स्वप्ना सुरेश का मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के मुख्य निजी सचिव एम शिवशंकर के साथ करीबी रिश्ता है।
विपक्ष ने की थी मामले की CBI जांच की मांग
मामले में विपक्ष ने राज्य सरकार पर हमला किया था। विधानसभा में नेता विपक्ष कांग्रेस के रमेश चेन्निथाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख मामले में CBI जांच की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने पिनरई विजयन का स्वप्ना से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया था और उन्होंने मामले में किसी भी जांच का स्वागत किया था। इसके अलावा उन्होंने निजी सचिव शिवशंकर को भी एक साल की छुट्टी पर भेज दिया था।
दवाइयों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
'वंदे भारत मिशन' के तहत संचालित उड़ानों से सोना और कीमती धातू की ही तस्करी नहीं, बल्कि कोरोना उपचार में काम आने वाली दवाइयों की तस्करी की भी योजना तैयार की गई थी। हालांकि, गुरुग्राम ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया था। इस गिरोह ने इराक में दवाइयों की तस्करी की योजना बनाई थी। इसके अनुसार भारत में 5,400 रुपये में मिलने वाली रेमडिसिवीर की एक डोज इराक में एक लाख रुपये में बेची जानी थी।
अमृतसर हवाई अड्डे से 10.22 किलो सोने के साथ छह गिरफ्तार
इसी तरह कस्टम विभाग के अधिकारियों ने गत माह अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर घरेलू उपकरणों में 10.22 किलो सोना छिपाकर ले जाने के मामले छह यात्रियों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा जुलाई की शुरुआत में चार्टर्ड उड़ान के जरिए दुबई से केरल आने वाले दो यात्रियों से 50 लाख से अधिक कीमत का सोना जब्त किया गया था। ऐसे में साफ है वंदे भारत मिशन के तहत जमकर तस्करी की गई थी।
विदेश में फंसे भारतीयों को लाने के लिए शुरू किया गया था वंदे भारत मिशन
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण गत 25 मार्च से देश में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके बाद लॉकडाउन को 1 जून तक बढ़ा दिया गया था। हालांकि, मई की शुरुआत में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विदेश में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए वंदे भारत मिशन में कुछ उड़ानों का संचालन शुरू किया था। कस्टम विभाग के अधिकारियों के अनुसार मध्य-पूर्व से आने वाली उड़ानों में तस्करी गिरोह सक्रिय रहा था।