कोरोना वायरस: देश में फिर लग रहे लॉकडाउन कितने प्रभावी साबित होंगे?
महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच देश के कई हिस्सों में फिर से लॉकडाउन लगाया जा रहा है। महाराष्ट्र के पुणे में मंगलवार से 10 दिन के लिए संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा, वहीं ठाणे, मीरा-भयंदर और कल्याण-डोंबिवाली में लॉकडाउन को एक सप्ताह आगे बढ़ाया है। शुक्रवार रात से उत्तर प्रदेश में 55 घंटे के लिए लॉकडाउन लागू है, वहीं अब बेंगलुरु शहर और ग्रामीण जिलों में 14 जुलाई रात 8 बजे से 23 जुलाई सुबह 5 बजे तक संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा।
इन जगहों पर भी लगाए गए थे लॉकडाउन
पिछले दो सप्ताह के दौरान चेन्नई, गुवाहाटी, बेंगलुरू और हैदराबाद आदि शहरोें में फिर से लॉकडाउन लागू किए गए थे, लेकिन इनसे आंशिक सफलता ही मिल पाई। लॉकडाउन के बाद भी इन इलाकों में संक्रमण की गति में खास सुधार देखने को नहीं मिला।
ऐसे लॉकडाउन की सफलता पर संदेह
यह जरूर कहा जा सकता है कि लॉकडाउन के नतीजे दिखने में थोड़ा समय लगेगा और अगर लॉकडाउन लागू नहीं होता तो यहां संक्रमण की रफ्तार तेज होती, लेकिन स्थानीय स्तर पर लगाई गई ये पाबंदियां देशभर में लागू किए पहले और दूसरे चरण के लॉकडाउन के बराबर सफल नहीं हो सकतीं। इसने न सिर्फ कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार धीमी की थी बल्कि महामारी के चरम को भी आगे खिसका दिया था।
क्या कम अवधि के लॉकडाउन सफल हो सकते हैं?
दिल्ली स्थित AIIMS के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया इस सवाल का जवाब नहीं में देते हुए कहते हैं कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए कम से कम 14 दिन के लॉकडाउन की जरूरत होती है। उनका कहना है, "कम अवधि के लॉकडाउन संक्रमण को रोकने में प्रभावी नहीं होते। आपको सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होता है। लॉकडाउन हटते ही लोग ये बातें भूल जाते हैं। आपको कलस्टर और कंटेनमेंट पर खास ध्यान देना होगा।"
"शहर की बजाय जोन बनाकर लगाएं लॉकडाउन"
साथ ही वो किसी एक शहर की बजाय पूरे इलाके में लॉकडाउन लगाने के पक्षधर हैं। गुलेरिया का कहना है कि शहर की बजाय एक खास इलाके को कंटेनमेंट जोन में लेकर संक्रमण पर रोक लगाई जा सकती है।
फिर ऐसे लॉकडाउन का फायदा क्या?
कम अवधि के लॉकडाउन लोगों को यह याद दिलाते रहते हैं कि स्थिति अभी सामान्य नहीं हुई है और सब कुछ पहले की तरह नहीं चल सकता। पिछले कुछ सप्ताहों में ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनके खतरनाक नतीजे सामने आए हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो बिहार में एक शादी में और हैदराबाद में जन्मदिन की एक पार्टी में शामिल हुए कई लोग संक्रमित हो गए थे। साथ ही कुछ की मौत भी हुई थी।
लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत
वहीं कई लोग घर से बाहर निकलते वक्त सभी लोग मास्क नहीं पहनते और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। कई गैर-जरूरी गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं और लोग उनमें ऐसे भाग ले रहे हैं जैसे कोरोना वायरस बीते दौर की बात हो। ऐसी स्थिति में कम अवधि के लॉकडाउन कम से कम लोगों को ये याद दिलाते हैं कि स्थिति में सुधार नहीं हुआ है और अभी सावधानी बरतने की जरूरत है।
देश में आठ लाख से ज्यादा हुए संक्रमितों की संख्या
सावधानी बरतना ऐसे समय में और भी जरूरी हो जाता है, जब कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हों। शुक्रवार को देश में 27,000 से ज्यादा नए मरीज मिले, जो एक दिन की सबसे बड़ी संख्या है। इसके साथ ही देश में संक्रमितों की कुल संख्या आठ लाख से पार हो गई है। बीते नौ दिनों में लगभग दो लाख नए मामले सामने आ चुके हैं और भारत तीसरा सबसे प्रभावित देश बन गया है।