कोरोना वायरस: फाइनल ट्रायल में पहुंची मॉडर्ना की वैक्सीन, 30,000 वॉलंटियर्स को दी जाएगी खुराक
क्या है खबर?
दुनियाभर में लोग कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच बड़ी खबर यह है कि अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना द्वारा तैयार की जा रही COVID-19 की वैक्सीन mRNA-1273 फाइनल ट्रायल में पहुंच गई है।
अमेरिका में मॉडर्ना कोरोना वैक्सीन बनाने के बेहद करीब है और सोमवार से इसकी वैक्सीन का फाइनल ट्रायल शुरू हुआ है।
इसके लिए कंपनी की ओर से पूरी तरह से स्वस्थ 30,000 वॉलंटियर्स का चयन किया गया है।
मदद
अमेरिकी सरकार ने कंपनी को दी 472 करोड़ डॉलर की मदद
न्यूज 18 के अनुसार कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब पहुंची मॉडर्ना कंपनी को अमेरिका की बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (BARDA) की ओर से 472 करोड़ डॉलर की मदद दी गई है।
कंपनी का कहना है कि इस अतिरिक्त फंडिंग से कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल डेवलपमेंट के आगामी चरण में बड़ी मदद मिलेगी।
बता दें कि मॉडर्ना की वैक्सीन का फेस-3 का ट्रायल चल रहा है और इससे संबंधित अध्ययन अभी किया जाना है।
जानकारी
अमेरिकी सरकार ने कंपनी को अब तक दी 955 करोड़ डॉलर की मदद
इससे पहले ट्रंप सरकार द्वारा अप्रैल महीने में कंपनी को 483 करोड़ डॉलर की मदद दी गई थी। उस समय उनकी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरुआती स्टेज में था। इस प्रकार अब तक मॉडर्ना कंपनी को 955 करोड़ डॉलर की मदद मिल चुकी है।
जानकारी
वैक्सीन के कोरोना से बचाव करने की नहीं है गारंटी
विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिकी सरकार की ओर से भले ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मॉडर्ना इंक द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन के निर्माण के लिए 955 करोड़ डॉलर की मदद कर दी गई हो, लेकिन अभी भी कोई गारंटी नहीं है कि यह वैक्सनी वास्तव में कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान कर पाएगी।
ऐसे में लेट-स्टेज ट्रायल में इस वैक्सीन के प्रभाव की निगरानी की जाएगी। उसी के बाद इसकी सफलता के बार में कुछ कहा जा सकेगा।
निगरानी
वैक्सीन की प्रभावशीलता के लिए की जाएगी कड़ी निगरानी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के डॉ एंथोनी फौसी ने कहा कि वॉलंटियर्स को यह पता नहीं होगा कि उन्हें असली खुराक या डमी खुराक दी जा रही है। दो खुराक देने के बाद विशेषज्ञ इस बात की निगरानी करेंगे कि वॉलंटियर्स का कौनसा समूह आम जिंदगी में लौटने के बाद अधिक संक्रमित होता है।
विशेषकर, अमेरिका के उन क्षेत्रों में जहां अभी कोरोना वायरस का संक्रमण बड़ी तेजी के साथ फैल रहा है। इसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
परीक्षण
अमेरिका में 87 जगहों पर किया जाएगा वैक्सीन का फाइनल ट्रायल
मॉडर्ना कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि वैक्सनी के लेट-स्टेज ट्रायल के लिए अमेरिका की 87 जगहों का चयन किया गया है। इनमें जॉर्जिया के सवान्नाह में पहली बार टीकाकरण किया जाएगा।
कंपनी ने कहा कि चीन और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार की गई वैक्सीनों का ब्राजील और अन्य प्रभावित छोटे देशों में अंतिम चरण का ट्रायल शुरू किया गया है, लेकिन कंपनी अमेरिका में ही ट्रायल करेगी।
अध्ययन
वैक्सीन के कार्य और सुरक्षा दोनों का किया जाएगा अध्ययन
वायरोलॉजिस्ट डॉ लैरी कोरी ने कहा कि वैक्सीन का बड़े पैमाने पर अध्ययन केवल यह जांचने के लिए नहीं किया जाएगा कि वह काम करती है, बल्कि यह भी देखा जाएगा कि वह सुरक्षित भी हो। इसके बाद ही विशेषज्ञ इसके बाद में कोई ठोस राय दे पाएंगे।
उन्होंने बताया कि वैक्सीन के फाइनल ट्रायल में शामिल होने के लिए देश में 1.50 लाख लोगों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया था, जिसमें से 30,000 का चयन किया गया है।
परिणाम
साल के अंत तक परिणाम आने की है उम्मीद
कंपनी की ओर से कहा गया है कि अमेरिका में कोरोना की पहली वैक्सीन का ट्रायल किया गया है। वैज्ञानिकों की उम्मीद के मुताबिक यह लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
सरकार को उम्मीद है कि इसके परिणाम साल के अंत तक सामने आ जाएंगे। इस वैक्सीन की एक महीने के अंतर पर दो खुराक दिया जाना जरूरी है।
कंपनी ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद वैज्ञानिक रिकॉर्ड गति से वैक्सीन निर्माण की ओर बढ़े हैं।
उत्पादन
कंपनी 2021 से हर साल करेगी वैक्सीन की एक अरब खुराक का उत्पादन
मैसाचुसेट्स स्थित मॉडर्ना इंक के अध्यक्ष डॉ स्टीफन होज ने कहा, "हम आशावादी हैं, सावधानीपूर्वक आशावादी हैं कि टीका काम करेगा और साल के अंत तक की उपयोगिता साबित करने के लिए हमारे पास डाटा होगा।"
उन्होंने कहा कि लेट-स्टेज ट्रायल के साथ कंपनी इसके उत्पादन पर भी ध्यान दे रही है। परिणामों में सब कुछ सही रहा तो साल 2021 से हर साल 500 करोड़ या एक अरब खुराक का उत्पादन किया जाएगा।
संक्रमण
दुनिया में यह है कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति
दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1.64 करोड़ के पार पहुंच गई है। इनमें से 6.53 लाख लोगों की मौत हो चुकी है और एक करोड़ उपचार के बाद पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।
वर्तमान में 57.36 लाख सक्रिय मामले हैं। अमेरिका 43.74 संक्रमितों के साथ सबसे प्रभावित देश है। यहां 1.49 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में संक्रमितों की संख्या 14,35,453 पहुंच गई और अब तक 32,771 की मौत हो चुकी है।