मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सुरक्षाबलों ने 30 उग्रवादियों को किया ढेर, मुठभेड़ जारी
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच रविवार को सुरक्षबलों ने विभिन्न इलाकों में करीब 30 उग्रवादियों को मार गिराया गया, जबकि कई अन्य को गिरफ्तार किया गया है। बतौर रिपोर्ट्स, मणिपुर पुलिस के कमांडो की जातीय हिंसा से प्रभावित इलाकों में कई घंटों से उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ चल रही है। गौरतलब है कि मणिपुर की राजधानी इंफाल समेत अन्य इलाकों में दोबारा हिंसा भड़कने के बाद सेना और सशस्त्र बलों को वापस तैनात किया गया है।
विद्रोहियों ने पांच इलाकों पर किया था हमला
बतौर रिपोर्ट्स, विद्रोही संगठनों ने आज तड़के 2 बजे इंफाल घाटी और उसके आसपास के पांच इलाकों में एक साथ हमला किया था। इन क्षेत्रों में सेकमाई, सुगनू, कुम्बी, फायेंग और सेरौ शामिल हैं। इसके बाद सुरक्षबलों ने घेराबंदी कर उग्रवादियों को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। वहीं राज्य के कई अन्य इलाकों में गोलीबारी और सड़कों पर लावारिस लाशें पड़ी होने की खबरें भी सामने आ रही हैं।
गोलीबारी में कई लोग भी हुए घायल
राजधानी इंफाल में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) के डॉक्टरों ने NDTV को बताया कि फायेंग में हुई गोलीबारी की घटना में 10 लोग घायल हुए हैं, जिनको अस्पताल में भर्ती किया गया गया है। वहीं सेकमाई में मुठभेड़ खत्म हो चुकी है।
सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के खिलाफ की कड़ी कार्रवाई- मणिपुर के मुख्यमंत्री
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया, "उग्रवादी नागरिकों के खिलाफ M-16 और AK-47 राइफलों और स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे कई गांवों में घरों को जलाने के लिए आए थे। हमने सेना और अन्य सुरक्षाबलों की मदद से उनके खिलाफ बहुत कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।" सिंह ने आगे बताया कि उन्हें खबर मिली है कि इस अभियान में करीब 30 आतंकवादी मारे गए हैं।
मणिपुर के दौरे पर पहुंचे सेना प्रमुख जनरल पांडे
भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करने के लिए पहुंचे हैं। पूर्वी कमान के अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए किए गए उपायों के बारे में सेना प्रमुख को जानकारी दी। वहीं जनरल पांडे ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ भी मुलाकात की। गौरतलब है कि भारतीय सेना और असम राइफल्स की टीमें हिंसाग्रस्त इलाकों में स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश कर रही हैं।
कब से हो रही मणिपुर में हिंसा?
इस महीने की शुरुआत से ही मणिपुर में हिंसा जारी है। तब आदिवासियों ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिये जाने के विरोध में 3 मई को एकजुटता मार्च निकाला था। इसके बाद एक हफ्ते से ज्यादा समय तक राज्य में हिंसक झड़पें होती रहीं, जिनमें 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई। राज्यभर में लगभग 2,000 घरों को भी जला दिया गया और हजारों लोगों को यहां विस्थापित होना पड़ा है।