किसान आंदोलन: गर्मी से बचने के लिए किसानों ने बनवाई AC ट्रॉली
कृषि कानूनों को लेकर पिछले तीन महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन का अभी कोई समाधान नहीं निकल सका है। सरकार और किसानों के बीच वार्ता का दौर थम चुका है। ऐसे में अब आंदोलन के लंबा खिंचने की संभावना बढ़ गई है। इसको देखते हुए किसानों ने आने वाली भीषण गर्मी से बचने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत वातानुकूलित ट्रॉलियां भी बनवाई जा रही है।
दिल्ली में गर्मियों में तापमान के 40 डिग्री से ऊपर जाने की संभावना
भारत के मौसम विभाग (IMD) के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि फरवरी में दिल्ली में दर्ज औसत तापमान 1901 के बाद से दूसरा सबसे अधिक था। ऐसे में इस बार गर्मियों में दिल्ली का तापमान 40 डिग्री से ऊपर जाने की संभावना है। इससे किसानों के लिए गर्मी में आंदोलन को जारी रखना टेढी खीर साबित हो सकता है। इसको देखते हुए किसानों ने अभी से ही आंदोलन स्थलों पर गर्मी से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी है।
बनाई जा रही है वातानुकूलित ट्रैक्टर-ट्रॉली
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार किसानों को गर्मियों से बचाने के लिए सौर ऊर्जा संचालित बैटरी से लैस वातानुकूलित ट्रैक्टर-ट्रॉलियां बनाई जा रही है। इसका एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। वीडियो में एक शख्स कह रहा है कि वातानुकूलित ट्रैक्टर ट्रॉली में एयरकंडीशनर (AC), वॉस बेसिन, पानी की छोटी टंकी लगाई गई है। सौर ऊर्जा संचालित होने के कारण बिजली की भी जरूरत नहीं पड़ेगी और किसानों को राहत मिलेगी।
वातानुकूलित ट्रॉली में इंटरनेट और CCTV की सुविधा
पंजाब में तैयार की जा रही इस वातानुकूलित ट्रॉली में इंटरनेट सुविधा के साथ CCTV कैमरे भी लगाए गए हैं। ऐसे में किसान ट्रॉली के अंदर बैठकर बाहर की स्थिति पर भी नजर रख सकते हैं। इतना ही नहीं, ट्रॉली के अंदर कॉलीन और सोफे भी लगाए गए हैं और कालीन को कनाडा के कालीन से भी बेहतर बताया जा रहा है। इससे किसानों को तेजी गर्मी में भी बड़ी राहत मिलेगी। ऐसे में जल्द ही अन्य ट्रॉलियां बनाई जाएगी।
यहां देखें वातानुकूलित ट्रॉली का वीडियो
किसानों ने आंदोलन स्थलों पर ट्रॉलियों को दिया 'मिनी हाउस' का रूप
इधर, सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर बॉर्डर पर पड़ाव डाले किसानों ने भी गर्मियों से बचने की तैयारी शुरू कर दी है। किसानों ने अपनी ट्रॉलियों को 'मिनी हाउस' का रूप दे दिया है। इसके अलावा बिस्तर, कंबल, किराने का सामान, पानी और अन्य आवश्यक सामानों की भी व्यवस्था करना शुरू कर दिया है। इसी तरह कूलर और पंखों की मदद से देसी एसी बनाए जा रहे हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर बनी टेंट सिटी को हटाया जा रहा है।
तंबुओं में लगाई जा रही मच्छरदानी
गाजीपुर किसान आंदोलन कमेटी के प्रक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि किसानों को गर्मी से बचाने के लिए तंबुओं में ही मच्छरदानी, कूलर और पंखे लगाए जा रहे हैं। टाट की बोरी, ठंडे पानी की मदद से देसी एसी तैयार किए जा रहे हैं।
बिजली के लिए अस्थाई कनेक्शन का आवेदन करेंगे किसान
इधर, यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में गर्मी से निपटने की तैयारी शुरू हो गई हैं। बिजली व्यवस्था के लिए किसानों ने अस्थाई कनेक्शन के लिए विद्युत निगम में आवेदन करने का निर्णय किया है। विद्युत निगम से कनेक्शन नहीं मिलता है तो किसान आंदोलन स्थल पर जनरेटरों की व्यवस्था करेंगे। आंदोलन स्थल पर हर कैंप में कूलर की व्यवस्था की जा रही है। विद्युत निगम से सौ किलोवाट का अस्थाई कनेक्शन देने की मांग की गई है।
क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।