राज्यसभा में किसान आंदोलन समेत कई मुद्दों पर बोले प्रधानमंत्री, कहा- MSP जारी रहेगा
क्या है खबर?
राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर आज राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमकर गरजे और कृषि कानूनों और किसान आंदोलन समेत कई मुद्दों पर अपने राय रखी।
उन्होंने विपक्ष पर कृषि सुधारों के मामले में राजनीति करने और दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया, वहीं आंदोलनकारी किसानों को आश्वासन दिया कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था जारी रहेगी।
अपने 75 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने क्या-क्या कहा, आइए आपको बताते हैं।
शुरूआत
कोरोना से लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं, देश को- प्रधानमंत्री
अपने भाषण की शुरूआत में कोरोना वायरस महामारी पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों ने देश में लाखों मौतों की आशंका जताई थी और आज दुनिया इस बात पर गर्व कर रही है कि भारत ने मानवता की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, बल्कि देश को जाता है। उन्होंने दिया जलाने जैसी मुहिमों का मजाक उड़ाने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा।
बयान
"मानव जाति के कल्याण के लिए वैक्सीन लेकर आए"
कोरोना वैक्सीन पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जिनको "तीसरी दुनिया के देशों" में गिना जाता है, वो देश मानव जाति के कल्याण के लिए वैक्सीन लेकर आया है। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण भारत में चल रहा है।
निशाना
TMC के डेरेक ओ ब्रायन और कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा पर साधा निशाना
विपक्ष पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री बोले, "यहां लोकतंत्र को लेकर बहुत उपदेश दिए गए... भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं कि जिसकी खाल हम उधेड़ सकते हैं। मैं डेरेक जी की बात सुन रहा था... जब सुन रहा था तो सोच रहा था कि ये बंगाल की बात है? कांग्रेस के हमारे बाजवा साहब बोल रहे थे। मुझे लगा कि थोड़ी देर में 84 तक पहुंच जाएंगे। खैर ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस की तरह आपने भी देश को निराश किया।"
लोकतंत्र पर राय
भारत 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी'- प्रधानमंत्री मोदी
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के एक बयान को पढ़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है और न ही आक्रामक है। ये सत्यम शिवम सुंदरम के मूल्यों से प्रेरित है।"
उन्होंने कहा, "दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी... सुनके हमें भी अच्छा लगता है। लेकिन हमने अपनी युवा पीढ़ी को ये नहीं सिखाया कि भारत ही मदर ऑफ डेमोक्रेसी है और ये देश लोकतंत्र की जननी है।"
छोटे किसान
प्रधानमंत्री ने छोटे और सीमांत किसानों की स्थिति पर जाहिर की चिंता
किसान आंदोलन पर प्रधानमंत्री ने कहा, "सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई। ज्यादातर समय आंदोलन के संबंध में बातें बताई गईं, किस बात पर आंदोलन है, इस पर सब मौन रहे।"
उन्होंने कहा कि छोटे किसानों की दयनीय स्थिति हमेशा चौधरी चरण सिंह को परेशान करती थी। उन्होंने कहा कि 68 प्रतिशत किसानों के पास एक एकड़ और 86 प्रतिशत किसानों के पास 86 प्रतिशत से भी कम जमीन है और इनके प्रति सरकार की जिम्मेदारी है।
आरोप
प्रधानमंत्री का आ्ररोप- विपक्ष ने कृषि सुधारों पर लिया यू-टर्न
कृषि योजनाओं को गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्यादातर विपक्षी सरकारें कृषि सुधारों की वकालत कर चुकी हैं और अब उन्होंने अचानक यू-टर्न ले लिया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने किसान को उपज बेचने की आजादी दिलाने, भारत को एक कृषि बाजार दिलाने के संबंध में अपना इरादा व्यक्त किया था।
उन्होंने कहा, "आप लोगों को गर्व करना चाहिए कि जो मनमोहन सिंह जी ने कहा था, वो मोदी को करना पड़ रहा है।"
आश्वासन
"MSP था, MSP है और MSP रहेगा"
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी हरित क्रांति के समय कृषि सुधार किए गए थे, उनका भी विरोध हुआ था और उन्हें अमेरिका का एजेंट कहा गया था।
किसानों को बातचीत का प्रस्ताव और सुधारों को एक मौका देने की अपील करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि MSP है, MSP था और MSP रहेगा। उन्होंने कहा कि मंडियों को मजबूत किया जाएगा और प्रतिस्पर्धी बनाया जाएगा।
निशाना
भारत को अस्थिर और अशांत कर रहे कुछ लोग- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग लगातार कोशिश कर रहे हैं कि भारत अस्थिर और अशांत रहे। उन्होंने कहा, "कुछ लोग सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भर रहे हैं। ये देश हर सिख पर गर्व करता है। देश के लिए क्या कुछ नहीं किया इन्होंने। उनका जितना हम आदर करें, उतना कम है।"
उन्होंने कहा, "कुछ ऐसे लोग हैं जो हर तरह के आंदोलन में नजर आते हैं, इन आंदोलनजीवियों से बचें। ये आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं।"
तंज
विपक्ष से कहा- मोदी है, मौका लीजिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में एक नया तरह का FDI (फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडोलॉजी) आ रहा है और इससे देश को बचाना है।
अपने भाषण के अंत में विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "चर्चा के दौरान मुझ पर भी कितना हमला हुआ... लेकिन मुझे बहुत आनंद हुआ। मैं कम से कम आपके काम तो आया। आपने सारा गुस्सा मेरे ऊपर निकाल दिया तो आपका मन भी हल्का हुआ... ये आनंद आप लगातार लेते रहिए। मोदी है, मौका लीजिए।"