अंग्रेजों के जमाने के 58 कानूनों को खत्म करेगी मोदी सरकार, लोकसभा में बिल पेश
मोदी सरकार अंग्रेजों के जमाने के 58 पुराने कानूनों को खत्म करने जा रही है और इसके लिए गुरुवार को लोकसभा में बिल पेश किया गया। सरकार का कहना है कि ये कानून लोगों के लिए असुविधा और परेशानी का कारण बनते हैं। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ये बिल पेश किया। इस बीच विपक्ष ने सरकार पर बिलों को लेकर जल्दबाजी करने और सांसदों को उनकी सामग्री पर विचार-विमर्श के लिए पर्याप्त समय न देने का आरोप लगाया।
कानून मंत्री ने बताया, अब तक 1458 पुराने कानूनों को रद्द कर चुकी है सरकार
58 पुराने कानूनों को खत्म करने वाले बिल को पेश करते कानून मंत्री प्रसाद ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार अब तक 1458 पुराने कानूनों को रद्द कर चुकी है और ये उसी कार्रवाई का हिस्सा है। इस बीच बिल पढ़ने के लिए पर्याप्त समय न मिलने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि दो दिन का नोटिस दिया गया था और इस पर पहले से ही आम सहमति है कि ये एक अच्छा अभ्यास है।
राज्य सरकारों को भी 225 पुराने कानून खत्म करने को कहा
प्रसाद ने कहा कि सदस्य चाहें तो बिल पर बहस कर सकते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले 225 पुराने कानूनों को समाप्त करने को भी कहा है। बता दें कि जिन कानूनों को रद्द किया जाता है, वो अंग्रेजों के जमाने के हैं जिन्हें उन्होंने अपने हितों के हिसाब से बनाया था। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे पुराने और बेमतलब कानूनों को खत्म करने का वादा किया था।
खत्म किए कानूनों में ये कानून शामिल
जिन पुराने कानूनों को समाप्त किया गया है उनमें किराए पर चलने वाली घोड़ा गाड़ियों के विनियमन के लिए लाया गया हैकनी कैरेज एक्ट 1879 और थिएटरों में अंग्रेजों के खिलाफ प्रदर्शन को रोकने के लिए लाया गया ड्रमेटिक परफॉर्मेंस एक्ट 1876 शामिल हैं।
थरूर ने बिलों पर जल्दबाजी को बताया सरकार की बुरी आदत
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि वह इन कानूनों को खत्म करने के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने बिलों को लेकर जल्दबाजी करने की "बुरी आदत" के लिए केंद्र सरकार पर हमला बोला। इस बीच स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि सभी सदस्यों को बिल पढ़ने के लिए 2 दिन का समय मिले। ब्रिटिश काल के कानूनों को रद्द करने के उनके बयान पर कुछ सदस्यों ने कहा कि IPC भी ब्रिटिश काल का कानून है।