जगह बदल सकते हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी, लेकिन जारी रहेगा धरना
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के कानून बनने के बाद विरोध स्वरूप दिल्ली के शाहीन बाग में सैकड़ों लोगों की ओर से दिया जा रहा धरना सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद भी खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। सोमवार को मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से धरना प्रदर्शन की जगह बदले जाने की टिप्पणी किए जाने के बाद अब प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के सम्मान में जगह बदली जा सकती है, लेकिन धरना जारी रहेगा।
CAA विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बना हुआ है शाहीन बाग
नागरिकता को लेकर बनाए गए संशोधन कानून में प्रताड़ना के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता में प्राथमिकता दी जाएगी। NRC की तरह लोगों में इस कानून का दुरूपयोग मुस्लिमों के खिलाफ किए जाने की आशंका है। ऐसे में विशेष समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। शाहीन बाग में शुरुआत में महिलाओं ने इस कानून का विरोध शुरू किया था, लेकिन बाद में इसमें बच्चों को भी शामिल कर लिया।
ट्रैफिक की परेशानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किए मध्यस्थ
शाहीन बाद पर हो रहे धरना प्रदर्शन से दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग बंद है। इसको लेकर एक अधिवक्ता और एक भाजपा नेता ने याचिका दायर की थी। सोमवार को सुनवाई में न्यायाधीश एसके कौल और केएम जोसेफ ने जाम को गलत बताया और प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया है। पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह भी इसमें सहयोग करेंगे।
यदि सभी सड़क जाम करेंगे तो लोग कहां जाएंगे- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, "आप विरोध करना चाहते हैं, कोई समस्या नहीं है, लेकिन कल अन्य वर्ग भी किसी दूसरी जगह प्रदर्शन कर सकता है। कुछ तरीका होना चाहिए ताकि ट्रैफ़िक प्रभावित ना हो। सभी ऐसा करेंगे तो आमजन कहां जाएगा।"
प्रदर्शनकारियों ने CAA को लेकर नहीं बदला अपना रुख
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी व मध्यस्थ नियुक्त किए जाने के बाद भी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का CAA को लेकर रुख नहीं बदला। हालांकि, वह धरने की जगह बदल सकते हैं, लेकिन धरना जारी रखेंगे। एक 22 वर्षीय प्रदर्शनकारी ने TOI को बताया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों की जानकारी है, लेकिन वो अभी भी CAA को निरस्त कराना चाहते हैं। 50 वर्षीय एक महिला ने कहा कि वो बात करने को तैयार हैं, लेकिन खुद की शर्तों पर।
"यहां मकान नहीं बनाया है"
प्रदर्शन के चर्चित चेहरों में शामिल बिलकिस बानो ने कहा, "हमने यहां स्थाई मकान नहीं बनाएं हैं। हमने हमेशा एंबुलेंस और आपात स्थिति के लिए सड़क खोली है। हम बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हर किसी से सलाह करने की जरूरत है।"
प्रदर्शनकारी जानते हैं कि संवाद से ही होगा समस्या का हल
विरोध प्रदर्शन में शुरू से ही शामिल रहे तसीर अहमद ने कहा कि प्रदर्शनकारी ट्रैफिक व्यवस्था को खराब नहीं करना चाहते हैं। वो सभी जानते हैं कि बाचतीत से ही समस्या का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि सरिता विहार और ओखला विहार के लोग उनके प्रदर्शन का विरोध कर रहे थे। यह एक खुला मंच है। उन्हें कोई समस्या है तो यहां आकर बातचीत करनी चाहिए। इसी से ही समाधान हो सकता है।
सरकार को करनी चाहिए बातचीत की पहल
प्रदर्शन में शामिल कुछ अन्य लोगों ने कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर सरकार से बात करने को तैयार हैं। वह पिछले दो महीने से बात करने की सोच रहे हैं। उन्होंने कई बार बातचीत करने की कोशिश की और गृहमंत्री के घर की ओर भी मार्च किया। वो बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनके और सरकार के बीच वास्तविक बातचीत और मध्यस्थता होनी चाहिए। इसके बाद ही इस मामले का कोई समाधान निकल सकता है।
बातचीत के लिए तैयार है केंद्र सरकार, लेकिन कानून मंत्री ने दी चेतावनी
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों के सभी प्रकार के संदेह को दूर करने के लिए बातचीत को तैयार है, लेकिन यदि प्रदर्शनकारियों का इरादा कुछ अलग है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को विरोध दर्ज कराने का अधिकार है, लेकिन उन्हें राष्ट्र को विघटित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। राष्ट्र को कमजोर करने वाले आतंकवादी और अलगाववादियों पर कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली पुलिस ने की हेगड़े से बात
दिल्ली पुलिस ने मध्यस्थ नियुक्त किए गए अधिवक्ता संजय हेगड़े से मुलाकात कर उन्हें प्रदर्शन के कारण लोगों और प्रशासन को हो रही समस्या से अवगत कराया है। पुलिस ने हेगड़े को धरना शुरू करने के समय तथा सही जगह की भी जानकारी दी है।
15 दिसंबर से चल रहा है शाहीन बाग में प्रदर्शन
शाहीन बाग में 15 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है और इसे महिलाओं का प्रदर्शन बताया जा रहा है। ये प्रदर्शनकारी कालिंदी कुंज के पास नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली सड़क पर जमे हैं, जिस कारण सड़क पूरी तरह बंद है।प्रदर्शन कर रही महिलाओं को कहना है कि जब तक सरकार नागरिकता कानून को वापस नहीं लेगी वो वहां से उठेंगी नहीं।