राम मंदिरः सुप्रीम कोर्ट के ये पांच जज करेंगे मामले की सुनवाई
क्या है खबर?
राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट 10 जनवरी को सुनवाई करेगा। बीती 4 जनवरी में हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में नई बेंच के गठन की बात कही थी।
अब इस मामले की सुनवाई करने वाली बेंच में शामिल जजों के नाम सामने आ चुके हैं। इसमें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस चंद्रचूड़ शामिल होंगे।
आइये जानते हैं इन जजों के बारे में कुछ जरूरी बातें।
रंजन गोगोई
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई
असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशब चंद्र गोगोई के घर जन्मे रंजन गोगोई 23 अप्रैल, 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे।
इससे पहले वे 2011-12 तक हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश थे।
भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई सितंबर 2018 में दीपक मिश्रा की रिटायरमेंट के बाद इस पद पर नियुक्त हुए थे।
भारत के इतिहास में पहली बार जजों द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में रंजन गोगोई भी शामिल थे।
दूसरे जज
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
डीवाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ सबसे लंबे समय तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे थे।
जस्टिस चंद्रचूड़ 13 मई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किए गए थे। इससे पहले वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश थे।
उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड लॉ स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की है। साल 1998 में वे बॉम्बे हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील बनें और इसी साल इन्हें भारत का अतिरिक्त सॉलिस्टर जनरल बनाया गया था।
तीसरे जज
जस्टिस उदय उमेश ललित
जस्टिस उदय उमेश ललित के पिता भी दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रह चुके हैं।
जस्टिस ललित ने 1983 में बॉम्बे हाई कोर्ट से अपने वकालत के करियर की शुरुआत की थी। 2004 में ये सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील बने।
13 अगस्त, 2014 को इन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। इससे पहले वे लगातार दो बार सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के प्रमुख रहे।
2G केस में जस्टिस ललित CBI की तरफ से पब्लिक प्रोसिक्यूटर थे।
चौथे जज
जस्टिस एसए बोबड़े
जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े का जन्म नागपुर में हुआ था।
अप्रैल, 2012 में सुप्रीम कोर्ट के जज बनने से पहले जस्टिस बोबड़े मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
जस्टिस बोबड़े ने नागपुर यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है। इन्होंने 1978 में वकालत करियर की शुरुआत की थी।
साल 2000 में जस्टिस बोबड़े को बॉम्बे हाई कोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में इनका कार्यकाल आठ साल का है।
पांचवें जज
जस्टिस एनवी रमन्ना
जस्टिस रमन्ना का जन्म आंध्र प्रदेश में एक किसान परिवार में हुआ था। इन्हें 7 फरवरी, 2014 को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया था।
इससे पहले वे दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और उससे पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के पद पर रह चुके हैं।
उन्होंने साल 1983 में बतौर वकील प्रैक्टिस शुरू की थी। जस्टिस रमन्ना को संविधान, अपराध और सेवा आदि क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल है।