उत्तर प्रदेश: 'जनता कर्फ्यू' के दिन भीड़ के साथ निकले जिलाधिकारी और SP, अब दी सफाई
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों को जनता कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो में पीलीभीत के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भीड़ के साथ एक गली में घूमते और शंख और प्लेट बजाते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो वायरल होने के बाद जिला पुलिस ने कहा है कि कुछ लोग बाहर आ गए थे और उन्हें वहां से हटाने के लिए ऐसा किया गया था।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर लगा था 'जनता कर्फ्यू'
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए देश को तैयार करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'जनता कर्फ्यू' का आह्वान किया था।
ये कर्फ्यू बेहद सफल रहा और लोग अपने-अपने घरों में ही रहे। देश के हर इलाके में पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा।
प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर लोगों ने शाम पांच बजे पांच मिनट के लिए ताली, थाली, शंख और घंटी आदि बजाकर स्वास्थ्य कर्मचारियों का शुक्रिया अदा भी किया।
वीडियो
स्वास्थ्य कर्मचारियों को अभिवादन के दौरान का है वीडियो
पीलीभीत का वायरस वीडियो इसी दौरान का है। इसमें पीलीभीत के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को एक प्लेट और पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित को शंख बजाते हुए देखा जा सकता है।
वे लोगों के एक हुजूम के साथ एक गली में घूम रहे हैं और उनके साथ चल रहे लोग भी कुछ न कुछ बजा रहे हैं।
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर अधिकारियों के इस रवैये पर बेहद सख्त सवाल उठाए गए थे।
मांग
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने की अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी अधिकारियों की इस लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की थी।
ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'जब मुझ समेत कई लोग सेल्फ-क्वारंटाइन में है और भारत युद्ध स्तर पर COVID-19 से लड़ रहा है, पीलीभीत के जिलाधिकारी और SP का व्यवहार असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदाराना है। ऐसे समय पर परिपक्व आचरण की जरूरत होती है जैसा कि प्रधानमंत्री ने सलाह दी। मैं जनता कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं।'
ट्विटर पोस्ट
सोशल मीडिया पर उठाए गए कठिन सवाल
While many people,including myself,are in self-quarantine India battles COVID-19 on a war footing,the conduct of the SP DM of Pilibhit is callous irresponsible.Times like these need mature conduct,like the PM advised.I urge action against those who violated the #JantaCurfew pic.twitter.com/7pZuPFBmup
— Varun Gandhi (@varungandhi80) March 23, 2020
सफाई
पुलिस बोली- लोगों को बाहर आने से रोकने के लिए मार्च निकाला
अब पीलीभीत पुलिस ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि पुलिस ने कोई मार्च नहीं निकाली और लोगों को बाहर आने से रोकने के लिए ऐसा किया गया था।
ट्वीट करते हुए पीलीभीत पुलिस ने लिखा है कि कुछ लोग बाहर आ गए थे और चूंकि उन्हें बल प्रयोग के जरिए अंदर करना व्यावहारिक नहीं था, इसलिए इस तरीके से उन्हें वहां से हटाया गया।
सबूत के तौर पर जिलाधिकारी की एक मीडिया बाइट पेश की गई है।
ट्विटर पोस्ट
वीडियो- जिलाधिकारी ने की थी लोगों से घरों में रहने की अपील
@pilibhitpolice खंडन-DM व SP द्वारा जुलूस नहीं निकाला गया। कुछ जनता चूकि बाहर आ गयी थी अतः भावनात्मक जुड़ाव के द्वारा वहाँ से हटाया गया। चूँकि बल प्रयोग व्यावहारिक नहीं था। मात्र एकतरफ़ा खबर से भ्रामक खबर चलायी गयी है। प्रमाण के रूप में मीडिया बाइट संलग्न है @Uppolice @dgpup pic.twitter.com/NMzVEhnk3A
— pilibhit police (@pilibhitpolice) March 22, 2020
कोरोना वायरस
पीलीभीत में सामने आया कोरोना वायरस का मामला, लॉकडाउन की घोषणा
बता दें कि पीलीभीत की एक महिला में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। ये महिला हाल ही में सऊदी अरब के मक्का से लौटी थी।
इसके बाद पीलीभीत में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है। इससे पहले राज्य के 15 जिलों में भी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इनमें आगरा, गौतम बुद्ध नगर और वाराणसी आदि जिले शामिल हैं।
बता दें कि अब तक उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के 28 मामले सामने आ चुके हैं।
जानकारी
भारत में कोरोना वायरस के 415 मामले, सात की मौत
वहीं अगर पूरे भारत की बात करें तो अब तक देश में कोरोना वायरस के 415 मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा वायरस के प्रकोप में आकर देश में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है।