लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए राज्यों से किराया लेगी रेलवे
देश में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश में लागू लॉकडाउन को 3 मई के बाद दो सप्ताह के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। इससे पहले सरकार ने लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का आदेश दिया था। इसके बाद अब रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए संबंधित राज्यों से किराया लेने का निर्णय किया है।
इस तरह राज्यों से किराया लेगी रेलवे
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से नियमित स्लीपर क्लास के टिकट के लिए 30 रुपये और सुपरफास्ट शुल्क के अतिरिक्त 20 रुपये किराया वसूला जाएगा। इस किराए में ट्रेन में सवार मजदूरों के लिए खाने और पीने की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से सभी मजदूरों को हैंड सैनिटाइजर, मास्क और ग्लव्ज भी दिए जाएंगे।
किसी भी यात्री को जारी नहीं किया जाएगा टिकट
रेलवे के कार्यकारी निदेशक (मीडिया) आरडी बाजपेयी ने बताया कि स्पेशल ट्रेनों में यात्रा के लिए किसी को भी टिकट नहीं दिए जाएंगे। ट्रेन में उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाएगा, जिन्हे राज्य सरकार द्वारा पंजीकृत किया जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा तैयार की गई मजदूरों की सूची को ही टिकट के रूप में मान्य किया जाएगा। अन्य किसी भी मजदूर या यात्री को ट्रेनों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सूची पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर बनाई जाएगी।
अब तक इन ट्रेनों का किया गया है संचालन
कार्यकारी निदेशक बाजपेयी ने बताया कि शुक्रवार को पहली ट्रेन तेलंगाना से झारखंड के लिए रवाना हुई थी। इसके अलावा शाम 6 बजे अलुवा से भुवनेश्वर, रात 8 बजे नासिक से भोपाल, रात 9 बजे नासिक से लखनऊ, रात 9 बजे जयपुर से पटना और कोटा से हटिया के लिए ट्रेन रवाना की गई। सभी ट्रेनों में 1,000-1200 यात्री सवार हुए। यात्रियों को कहा गया था कि उनका सारा खर्च उनके प्रदेश की सरकार उठाएगी।
रेलवे ने की अपनों को स्टेशन पर लेने के लिए नहीं आने की अपील
कार्यकारी निदेशक बाजपेयी ने लोगों से स्पेशल ट्रेनों से पहुंचने वाले लोगों को लेने के लिए स्टेशन नहीं आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को संबंधित स्टेशनों से बसों के द्वारा उनके गृहनगर तक पहुंचाया जाएगा।
राज्य सरकारों ने केंद्र से की थी स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग
गौरतलब है कि दो दिन पहले गृह मंत्रालय की ओर से बसों से प्रवासियों को लाने की अनुमति देने के बावजूद राज्यों ने कोई उत्साह नहीं दिखाया था। बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों की ओर से लंबी दूरी को देखते हुए स्पेशन ट्रेन चलाने की मांग की गई थीं। इसके बाद गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को मजदूर दिवस पर सभी सभी प्रवासी कामगारों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों के लिए 'श्रमिक स्पेशल ट्रेनें' ट्रेन चलाने के आदेश दिए थे।