आंध्र प्रदेश: कोरोना के बाद अब 'पिशाच' से बचने के लिए यहां लगा लॉकडाउन
कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद इसके प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन किया था और इसका फायदा भी देखने को मिला। लॉकडाउन के चलते अधिकतर लोग वायरस की चपेट में आने से बच गए। इसको देखते हुए अब आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एक गांव के लोगों ने पिशाच (मांस खाने वाले राक्षस) के प्रकोप से बचने के लिए लॉकडाउन का सहारा लिया है और पूरे गांव को सील कर दिया है।
रहस्यमय तरीके से हुई चार ग्रामीणों की मौत
श्रीकाकुलम जिले में सरुबुज्जिली मंडल के ओडिशा से सीमा साझा करने वाले वेनेलावलसा गांव में पिछले कुछ दिनों में चार लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई तथा कई लोग बुखार की चपेट हैं। इसको लेकर ग्रामीणों का मानना है कि लोगों की मौत पिशाच यानी मांस खाने वाले बुरी आत्माओं के कारण हुई है। ग्रामीणों का मानना है कि बुरी आत्माओं ने गांव में अपना बसेरा कर लिया है और वह लोगों की जान ले रही हैं।
विजयनगरम जिले के पुजारियों ने दी लॉकडाउन की सलाह
इस घटनाओं से गांव के लोग भयभीत हो गए और उन्होंने कथित तौर पर ओडिशा और पड़ोसी विजयनगरम जिले के पुजारियों और जादूगरों से समाधान के लिए सलाह मांगी। इस पर उन्होंने गांव को लॉकडाउन करने का सुझाव दिया है। इसके बाद ग्रामीणों ने पुजारियों द्वारा दी गई सलाह की पालना में गांव की चारों दिशाओं में नींबू लटकाए हैं और पूरे गांव में 18 से 25 अप्रैल तक के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन लागू कर दिया है।
सरकारी कार्यालय और स्कूल भी बंद कराए
ग्रामीणों ने पिशाच भगाने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के तहत ग्रामीणों को घर से बाहर नहीं निकलने तथा सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और बाजारों को बंद करा दिया है। तीन दिनों से गांव में कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहा है और सभी बाजार बंद हैं। इससे कुछ लोगों को आवश्यक वस्तुओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बुरी आत्माओं को भगाने के लिए थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ेगी।
बाहरी लोगों को नहीं दिया जा रहा गांव में प्रवेश
लॉकडाउन का समर्थन करने वाले ग्रामीणों ने गांव को आने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए है। एक चेतावनी नोटिस भी चिपकाया गया है, जिस पर बाहरी लोगों के प्रवेश की अनुमति न होने की बात लिखी है। इससे गांव में दहशत बनी हुई है।
गांव के कई लोगों ने लॉकडाउन के निर्णय पर उठाया सवाल
गांव के कई शिक्षित लोगों ने पिशाच के होने तथा उसे भगाने के लिए पूरे गांव को लॉकडाउन करने के निर्णय पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि इससे लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। हालांकि, कुछ लोग गांव की भलाई के लिए इसका समर्थन कर रहे हैं। इधर, पुलिस ने गांव में पहुंचकर सरकारी कार्यालय, स्कूल और बाजारों को खोलने के लिए ग्रामीणों से बात की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ।
गांव को सता रही है बुरी आत्मा- ग्रामीण
ग्रामीण सावरा ईश्वरराव ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "हमें अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों के तहत अमावस्या पर गांव में विशेष अनुष्ठान करने चाहिए, लेकिन पिछले कुछ सालों से ऐसा नहीं हो रहा था। ऐसे में पिछले एक महीने में चार लोगों की रहस्यमयी मौत हो गई।हमें संदेह है कि कोई बुरी आत्मा गांव को सता रही है।" इधर, पुलिस उपनिरीक्षक कृष्ण प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण सचिवालय और स्कूलों को फिर से खोलने को तैयार हो गए हैं।