महाराष्ट्र: बोर्ड परीक्षा में नकल कराने के लिए स्कूल की दीवार पर चढ़े लोग
शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और परीक्षा में नकल रोकने के लिए विभिन्न राज्यों की ओर से प्रतिवर्ष व्यवस्थाओं पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन कुछ राज्यों में लोग भारी सुरक्षा के बाद भी विद्यार्थियों को नकल कराने से नहीं चूकते हैं। नकल कराने का ऐसा ही एक मामला सामने आया है महाराष्ट्र के महागांव के जिला परिषद स्कूल में, जहां 10वीं बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को नकल कराने के लिए लोग स्कूल की दीवार पर चढ़ गए।
दीवार पर चढ़कर खिड़कियों से फेंकी नकल सामग्री
यवतमाल जिले में महगांव के एक जिला परिषद स्कूल में 10वीं की परीक्षा के दौरान का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें लोग स्कूल की दीवारों पर चढ़कर बच्चों को नकल करा रहे हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि लोग दीवार पर चढ़कर खिड़कियों से बच्चों तक नकल सामग्री पहुंचा रहे हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। नकल के इस वीडियो ने शिक्षा व्यवस्था और नकल रोकने के इंतजामों की कलई खोल दी है।
यहां देखें नकल कराने का वीडियो
परीक्षा केंद्र नियंत्रक ने अधूरी दीवार को दिया दोष
स्कूल में परीक्षा केंद्र नियंत्रक के रूप में तैनात एएस चौधरी ने सफाई देते हुए स्कूल की आधूरी चार दिवारी को दोष दिया है। उन्होंने कहा कि स्कूल की दीवार कई जगह से टूटी हुई है। ऐसे में लोगों को रोक पाना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा स्कूल की चार दिवारी का भी पूर्ण निर्माण नहीं कराया गया है। उन्होंने पुलिस से भी बार-बार फोर कर सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया था।
2015 में बिहार में भी हुई थी ऐसी ही घटना
देश में बोर्ड परीक्षाओं में नकल कराए जाने का यह पहला मामला नहीं है। साल 2015 में बिहार में भी परिजनों ने अपने बच्चों को नकल कराने के लिए स्कूल की सपाट दीवार को नाकाफी साबित कर दिया था। लोगों ने स्कूल की दीवार व खिड़कियों पर लगे छज्जों पर चढ़कर बच्चों को नकल सामग्री उपलब्ध कराई थी। उस दौरान राज्य भर के 1,217 केंद्रों से 1,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को जलगांव में लीक हुआ था प्रश्नपत्र
इस घटना से पहले महाराष्ट्र के जलगांव में गत मंगलवार को SSC बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले व्हॉट्सऐप पर एक प्रश्न पत्र के चार पेज लीक हो गए थे। उस दौरान महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (MSBSHSE) के नासिक डिवीजन ने अज्ञात लोगों के खिलाफ जिले की साइबर अपराध पुलिस में प्रश्न पत्र लीक करने का मामला दर्ज कराया था। पुलिस व्हाट्सऐप नंबर के आधार पर आरोपियों का पता लगाने में जुटी है।