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मुंबई: जनवरी तक कोरोना संक्रमित हो चुकी होगी झुग्गियों में रहने वाली 80 प्रतिशत आबादी- अध्ययन

मुंबई: जनवरी तक कोरोना संक्रमित हो चुकी होगी झुग्गियों में रहने वाली 80 प्रतिशत आबादी- अध्ययन

Nov 02, 2020
02:58 pm

क्या है खबर?

वैज्ञानिकों का कहना है कि मुंबई में कोरोना वायरस के मामलों में अगर इस बार उछाल आता है तो यह जुलाई और सितंबर में आए उछाल से कम होगा। साथ ही उनका कहना है कि अगले साल जनवरी तक मुंबई 'हर्ड इम्यूनिटी' की स्थिति में पहुंच जाएगी। तब तक शहर की झुग्गियों में रहने वाली 80 प्रतिशत और बाकी जगहों रहने वाली 55 प्रतिशत आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी होगी। आइये, पूरी खबर जानते हैं।

कोरोना वायरस स्थिति

26 अक्टूबर तक के आंकड़ों के आधार पर लगाया अनुमान

कोलाबा स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के वैज्ञानिकों ने मुंबई में कोरोना की स्थिति को लेकर अध्ययन किया है। इसमें 26 अक्टूबर तक के आंकड़ों के आधार पर शहर में हर्ड इम्यूनिटी विकसित होने का अनुमान लगाया गया है। हर्ड इम्युनिटी का मतलब किसी समाज या समूह के कुछ प्रतिशत लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के माध्यम से किसी संक्रामक रोग के प्रसार को रोकना है। यह संक्रमण की चेन को तोड़ने में मदद करती है।

जानकारी

इस सप्ताह शहर को पूरी तरह खोलने से बड़ा खतरा

अध्ययन में आगे कहा गया है कि अगर नवंबर के पहले हफ्ते में शहर को पूरी तरह खोल दिया जाता है तो कोरोना वायरस महामारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है।

बयान

त्योहारों के बाद भी पहले जितने नहीं बढ़ेंगे मामले- जुनेजा

अध्ययन करने वाली टीम में शामिल डॉक्टर संदीप जुनेजा कहते हैं कि अगर दीवाली के बाद मुंबई में मामले बढ़ते भी हैं तो ये उतने नहीं होंगे, जितने गणेश चतुर्थी के बाद देखे गए थे। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा इसलिए होगा क्योंकि अगस्त के मुकाबले अब मुंबई के ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट मे आ चुके हैं और वो वायरस के प्रति इम्युन हो गए हैं। अब वायरस के पास शिकार बनाने के लिए कम लोग बचे हैं।

अध्ययन

अगले साल स्कूल और कॉलेज खोलने से नहीं बिगड़ेगी स्थिति

ये अनुमान यह मानकर लगाए गए हैं कि लोकल ट्रेनों और अर्थव्यवस्था को लोगों के लिए पूरी तरह खोल दिया जाएगा। हालांकि, टीम का यह भी कहना है कि अगले साल स्कूल और कॉलेज खुलने से अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या में खास इजाफा देखने को नहीं मिलेगा। जुनेजा ने कहा कि अगर जनवरी की जगह नवंबर में सारी पाबंदियां हटाई जाती हैं तो अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी।

अध्ययन

वैक्सीनेशन को लेकर भी कही गई बात

वैज्ञानिकों की इस टीम ने संक्रमितों और मृतकों की संख्या पर वैक्सीनेशन के असर को लेकर भी बात की है। जुनेजा ने कहा कि अगर 1 फरवरी तक ग्रेटर मुंबई के 50 साल से अधिक 29.3 लाख लोगों को वैक्सीन दी जाती है तो मृतकों की संख्या में 64 प्रतिशत कमी आ सकती है। इसके अलावा छह महीनों के भीतर अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भी 67 प्रतिशत कम हो जाएगी।

जानकारी

मुंबई और महाराष्ट्र में क्या है संक्रमण की स्थिति?

मुंबई में अब तक 2.58 लाख से ज्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। वहीं अगर पूरे महाराष्ट्र की बात करें तो यहां 16.83 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 44,024 की मौत हुई है।

कोरोना वायरस

देश में 82 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित

महाराष्ट्र के साथ-साथ पिछले कुछ दिनों से देश में भी संक्रमण की रफ्तार कम हुई है। रविवार लगातार आठवां दिन ऐसा रहा, जब नए मामलों की संख्या 50,000 से कम रही है। देश में बीते दिन कोरोना संक्रमण के 45,231 नए मामले सामने आए और 496 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 82,29,313 हो गई है, वहीं 1,22,607 लोगों को महामारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।