कोरोना वायरस: कई देशों में दूसरी लहर का कहर, भारत में अभी पीक आना बाकी
अमेरिका, ब्राजील और भारत जैसे देशों में जहां कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर ही नहीं शांत हुई है, वहीं कुछ अन्य देशों में दूसरी लहर दस्तक दे चुकी है। एक समय संक्रमण का हॉटस्पॉट बन चुके स्पेन ने कुछ हद तक इस पर काबू पाने में सफलता हासिल कर ली थी, लेकिन यहां अब फिर से मामले सामने आने लगे हैं। 30 जुलाई के बाद से यहां रोजाना 1,000 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।
स्पेन में पिछली महीने हटाई गई थीं पाबंदियां
स्पेन में पिछले महीने आवाजाही समेत दूसरी गतिविधियों पर लगी पाबंदियों को हटा लिया गया था। इसके बाद से पूरे देश और खासकर मैड्रिड और बार्सिलोना इसाके में संक्रमण तेजी से फैला है। यहां अभी तक कुल मामलों की संख्या 3.52 लाख से पार हो गई है और मरने वालों का आंकड़ा लगभग 28,500 पहुंच गया है। ब्रिटेन ने ऐहतियाती कदम उठाते हुए स्पेन से आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन करने का फैसला किया है।
फ्रांस और नॉर्वे में फिर लगने लगी पाबंदियां
कोरोना वायरस के फिर से तेजी से बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए फ्रांस और नॉर्वे जैसे देश दोबारा पाबंदियां लागू कर रहे हैं। इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यूरोप के कुछ इलाकों में संक्रमण की दूसरी लहर के संकेत साफ तौर पर दिख रहे हैं। मध्य पूर्व की बात करें तो एक बार संक्रमण पर काबू पा चुक इजराइल में बीते कुछ दिनों से औसतन 1,700 नए मरीज मिल रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में आपदा की स्थिति का ऐलान
ऑस्ट्रेलिया के भी विक्टोरिया प्रांत में संक्रमण को देखते हुए आपदा की स्थिति का ऐलान कर दिया है। विक्टोरिया ऑस्ट्रेलिया में संक्रमण की दूसरी लहर का हॉटस्पॉट बना हुआ है। यहां रात को कर्फ्यू लगाया जा रहा है और लोगों के घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लागू है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में कहा था कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि इस वायरस पर मौसम का असर पड़ता है।
भारत में अभी पहली लहर की पीक आना बाकी- विशेषज्ञ
अनलॉक-3 के चरण में पहुंच चुके भारत में अभी तक संक्रमण की पीक नहीं आई है। यानी अभी संक्रमण के मामले चरम पर नहीं पहुंचे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महामारी और संक्रामक बीमारियों के विभाग के प्रमुख डॉक्टर ललित कांत कहते हैं कि भारत में अभी पीक नहीं आई है। यहां ग्राफ सीधी रेखा में ऊपर की तरफ जा रहा है। दूसरी लहर का सवाल तब आएगा, जब एक बार मामलों में कमी आना शुरू होगी।
सितंबर में पीक आने का अनुमान
इससे पहले कई बार कहा गया था कि भारत में जुलाई में पीक आ सकती है, वहीं कुछ का कहना था कि सितंबर तक मामले चरम पर पहुंचेंगे। हालांकि, इस पर लोगों की आदतों और सरकार के कदमों का काफी असर पड़ेगा।
दिल्ली में दूसरी लहर आने का खतरा बरकरार- कांत
डॉक्टर कांत ने कहा, "दिल्ली में ऐसा लगता है कि मामले पीक पर पहुंचकर नीचे की तरफ जा रहे हैं। सीरो सर्वे में पता चला है कि दिल्ली में पांच में से चार लोग संक्रमण से बचे हुए हैं। इसका मतलब यह है कि यहां बड़ी संख्या में लोगों पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। यहां दूसरी लहर आने के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता।" गौरतलब है कि दिल्ली में मामले लगातार घट रहे हैं।
भारत में दूसरी लहर के बारे में अनुमान लगाना मुश्किल- भार्गव
वहीं ICMR के प्रमुख डॉक्टर बलराम भार्गव ने बताया कि यह कहना मुश्किल है कि भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आएगी या नहीं। उन्होंने कहा, "हमने संक्रमण के फैलाव और मृत्यू दर में अलग-अलग जगहों को लेकर अलग-अलग रूझान देखे हैं। इसलिए यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि भारत में दूसरी लहर आएगी या नहीं। साथ ही अलग-अलग राज्यों में महामारी का प्रकोप भी अलग तरीके से देखने को मिला है।"
देश और दुनिया में क्या है संक्रमण का हाल?
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ते हुए 19,64,536 हो गई है। इनमें से 40,699 लोग इस खतरनाक वायरस के कारण जान गंवा चुके हैं। बीते कुछ दिनों से भारत में रोजाना 50,000 से ज्यादा नए मरीज मिल रहे हैं। वहीं अगर पूरी दुनिया की बात करें तो संक्रमितों की संख्या 1.87 करोड़ हो गई है और सात लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। हर 15 सेकंड में औसतन एक व्यक्ति की मौत हो रही है।