कुंभ मेले में उड़ रहीं नियमों की धज्जियां, कोरोना संक्रमित पाए गए 102 लोग
उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले का आज 13वां दिन है। महामारी की दूसरी लहर के बीच आयोजित हो रहे कुंभ मेले में राज्य सरकार कोरोना से बचाव के नियमों का पालन कराने में संघर्ष कर रही है। थर्मल स्क्रीनिंग की अपर्याप्त व्यवस्था और श्रद्धालुओं द्वारा मास्क न पहनने के कारण संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है। इसी बीच बीते दो दिनों में यहां 102 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया जा चुका है।
थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को होने वाले दूसरे शाही स्नान के लिए लगभग 28 लाख श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने पहुंच चुके हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रविवार दोपहर से लेकर सोमवार शाम तक 18,169 लोगों को कोरोना वायरस टेस्ट किया गया था, जिनमें से 102 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। रिपोर्ट में बताया गया है कि हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लेकर हर की पौड़ी तक थर्मल स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
मास्क न पहनने पर नहीं हो रहे चालान
कुंभ में थर्मल स्क्रीनिंग के अलावा दूसरे इंतजाम भी बेहद कमजोर हैं। मास्क न पहनने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और अनिवार्य RT-PCR टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता का भी पालन नहीं किया जा रहा। मेले में ऐसे कई लोग आए हैं, जिनके पास कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं है और उन्हें प्रवेश दिया गया है। कुछ लोगों का कहना है कि रिपोर्ट के बारे में पूछा भी नहीं जा रहा है।
अधिकारी इस बारे में क्या कह रहे हैं?
कुंभ मेले में कोरोना इंतजामों के प्रभारी डॉ अविनाश खन्ना ने कहा कि राज्य की सीमाओं, रेलवे स्टेशनों और घाटों पर थर्मल स्क्रीनिंग और रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं। सोमवार को घाट अखाड़ों के लिए आरक्षित थे। इसलिए टेस्ट और स्क्रीनिंग नहीं की गई। वहीं मेले के IG संजय गुंजयाल ने कहा कि किसी जगह पर भीड़ इकट्ठा न हो, इसलिए मास्क न पहनने पर चालान और थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने किया नियमों के पूर्ण पालन का दावा
दूसरी तरफ राज्य के मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत 100 प्रतिशत नियमों के पालन की बात कह रहे हैं। रावत ने कहा, "राज्य सरकार कोरोना से बचाव के लिए नियमों का पालन सुनिश्चित करवा रही है और हमने इन नियमों का 100 प्रतिशत पालन किया है।"
महामारी के कारण मेले में लागू की गई हैं कई पाबंदियां
हर 12 साल पर होने वाले कुंभ मेला इस बार कोरोना महामारी के बीच असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है। इस कारण मेले की अवधि को कम करके 1 से 30 अप्रैल तक किया गया है। मेले में आने वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस की नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट और मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। टेस्ट रिपोर्ट अधिकतम 72 घंटे पहले की होनी चाहिए, लेकिन इन नियमों के पालन में ढिलाई बरती जा रही है।