प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य सलाहकार पीके सिन्हा ने दिया पद से इस्तीफा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार पीके सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने अचानाक से इस्तीफा सौंपा है। हालांकि, सिन्हा के देश के शीर्ष कार्यालय को छोड़ने की कारण अभी साफ नहीं हुआ है, लेकिन एक शीर्ष अधिकारी की माने तो उन्होंने इस्तीफे में अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है। सिन्हा के अचानक दिए गए इस्तीफे से पूरे महकमे में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
सिन्हा ने 15 मार्च को दिया था इस्तीफा- शीर्ष अधिकारी
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सिन्हा ने 15 मार्च की शाम को अपनी इस्तीफा सौंपा था। उन्होंने बताया कि सिन्हा ने इस्तीफे के पीछे अपने खराब स्वास्थ्य का कारण बताया है। इसके अलावा भी उनके पास कोई और कारण हो सकते हैं, लेकिन उनके लिए इस उच्च दबाव वाली नौकरी को छोड़ना ही बेहतर विकल्प था। उन्होंने कहा कि सिन्हा प्रधानमंत्री कार्यालय के सबसे बेहतरीन अधिकारी रहे हैं और उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपना कार्य किया है।
सिन्हा को सितंबर 2019 में बनाया गया था प्रधानमंत्री का मुख्य सलाहकार
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सिन्हा को उत्तर प्रदेश काडर के 1977 बैच के IAS अधिकारी सिन्हा का कार्यकाल प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के बराबर था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सिन्हा कैबिनेट सचिव रहे थे। उससे पहले वह पावर और शिपिंग मिनिस्ट्री में सचिव थे। 2019 में कैबिनेट सचिव से सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) नियुक्त किया था। सितंबर में उन्हें नृपेंद्र मिश्रा की जगह प्रधानमंत्री का मुख्य सलाहकार बनाया गया था।
कई पदों पर काम कर चुके हैं सिन्हा
सिन्हा ने भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों में कई प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने प्रधान सचिव (सिंचाई), वाराणसी मंडल आयुक्त, निवेश आयुक्त, ग्रेटर नोएडा के अतिरिक्त CEO, आगरा और जौनपुर जिला कलक्टर , उत्तरांचल विकास प्राधिकरण सचिव और मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। इसी तरह वह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में विशेष सचिव और वित्तीय सलाहकार और खेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं।
प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने भी दिया था इस्तीफा
बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय से शीर्ष अधिकारी के इस्तीफा देने का पिछले दो सालों में यह दूसरा मामला है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने पिछले लोकसभा चुनाव के बाद इस्तीफा अपना इस्तीफा दे दिया था।