
अजित डोभाल बोले- संचार प्रणालियों को स्वदेशी बना रहे; 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान को ताकत दिखाई
क्या है खबर?
तमिलनाडु में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने छात्रों को संबोधित किया और भारत के भविष्य समेत चुनौतियों पर बात की। इस दौरान डोभाल ने आत्मनिर्भरता पर बात की और कहा कि भारत अपनी संचार प्रणालियों को पूरी तरह से स्वदेशी बनाने जा रहा है, जो डाटा और संचार सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में स्वदेशी हथियारों ने ताकत दिखाई थी।
संबोधन
क्या बोले अजित डोभाल?
डोभाल ने कहा, "आप जानते हैं कि 2020 में कुछ हुआ था, उसका अनुभव हमारे लिए कुछ अच्छा नहीं था, इसके बाद हमने निर्णय लिया कि हम अपने संचार प्रणाली और 5G को पूरी तरह से स्वदेशी बनाएंगे और हम कहीं से भी आयात नहीं करेंगे। ये हमारे डाटा सुरक्षा, संचार और अन्य कई सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए बहुत जरूरी है। आज हमारा देश प्रौद्योगिकी युद्ध में खुद को पीछे रखने का जोखिम नहीं उठा सकता है।"
बाजार
चीन को पछाड़ेंगे- डोभाल
डोभाल ने कहा, "2027 में हमारा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 32 लाख करोड़ रुपये होगा, जो आज से 8 गुना होगा और हमारे पास 110 करोड़ लोग कामकाजी होंगे। तब चीन में सिर्फ 70 करोड़ लोग होंगे, ऐसे में भारत दुनिया का बड़ा बाजार बनेगा।" उन्होंने कहा कि चीन ने 5G को 12 साल पहले 30 करोड़ रुपये में बनाया था, तब भारत के पास संसाधन-पैसा नहीं था, लेकिन निजी क्षेत्र के सहयोग से हमने ढाई साल में बना लिया।
ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर के समय स्वदेशी हथियारों ने कमाल किया- डोभाल
डोभाल ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र कर कहा, "हमें गर्व है कि उसमें स्वदेशी सामग्री थी। हमने पाकिस्तान के 9 आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधा, जो सीमावर्ती इलाकों में नहीं थे। हम नहीं चूके। इसके अलावा हमने कहीं और निशाना नहीं लगाया। यह इतना सटीक था कि हमें पता था कि कौन कहां है। पूरे ऑपरेशन में 23 मिनट लगे।" उन्होंने कहा कि क्या कोई तस्वीर है, जिसमें भारत की तरफ से हुआ कोई नुकसान दिखाई दे।
हौसला
डोभाल ने AI की ताकत समझाई और युवाओं का हौसला बढ़ाया
डोभाल ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया बदल सकता है और भारत को इसके जरिए हर क्षेत्र में अपनी तकनीक को मजबूत करने के लिए तैयारी करनी होगी। उन्होंने युवाओं को याद दिलाया कि भारत ने कितनी परेशानियों और क्रांतियों को झेलते हुए सफलता पाई है। उन्होंने अमेरिका में रहने वाले एक IIT युवा का जिक्र करते हुए कहा कि वह दुखी था कि वह भारत के लिए कुछ नहीं कर सका।