
तमिलनाडु में भाजपा-AIADMK ने फिर क्यों किया गठबंधन, इस बार कितने अलग होंगे हालात?
क्या है खबर?
तमिलनाडु में भाजपा और ऑल इंडिया द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (AIADMK) के बीच फिर गठबंधन हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसका ऐलान किया है।
शाह ने कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव राज्य में ई पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़े जाएंगे, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। उन्होंने कहा कि सीटों का बंटवारा बाद में चर्चा के बाद किया जाएगा।
आइए जानते हैं कि इस बार गठबंधन कितना अलग होगा।
बयान
गठबंधन को लेकर क्या बोले शाह?
शाह ने कहा, "भाजपा चुनाव के बाद तय करेगी कि वह सरकार में शामिल होगी या नहीं। AIADMK ने कोई मांग नहीं रखी है और उनके आंतरिक मामलों में भाजपा का कोई हस्तक्षेप नहीं है। यह गठबंधन दोनों पार्टियों के लिए उपयोगी है और हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे। मंत्रियों की संख्या और सीटों के बंटवारे का निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा। फिलहाल NDA का मुख्य लक्ष्य राज्य में भ्रष्ट DMK सरकार को हटाना है।"
वजह
क्यों साथ आईं दोनों पार्टियां?
जयललिता के निधन के बाद AIADMK अंदरूनी कलह से जूझ रही है। ऐसे में उसे सहयोगी की तलाश है। AIADMK के पास केवल भाजपा के साथ ही जाने का विकल्प है।
वहीं, भाजपा ने अन्नामलाई के नेतृत्व में राज्य में अपनी स्थिति जरूर मजबूत की है, लेकिन किसी सहयोगी के बिना उसका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है।
हालिया लोकसभा चुनाव AIADMK और भाजपा ने अलग-अलग लड़ा था, लेकिन दोनों पार्टियों को एक भी सीट नहीं मिली थी।
गठबंधन
इस बार कितना अलग होगा गठबंधन?
शाह ने कहा है कि इस बार गठबंधन में AIADMK मुख्य भूमिका में होगी और ई पलानीस्वामी इसका नेतृत्व करेंगे। हालांकि, सीटों को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 6 पार्टियों में सीट बंटवारा करना होगा।
2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में AIADMK ने 179 और भाजपा ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था। AIADMK को 66 और भाजपा को केवल 4 सीटें मिली थीं।
मुलाकात
पलानीस्वामी ने शाह से की थी मुलाकात
बीते महीने AIADMK के महासचिव पलानीस्वामी ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी थीं।
तब पलानीस्वामी ने कहा था, "यह राजनीति है, राजनीतिक स्थिति के अनुसार बदलाव होते रहेंगे। 2019 के चुनाव के समय हमने फरवरी में घोषणा की थी। इसी तरह हम समान विचारधारा वाले दलों से बात करेंगे और चुनाव नजदीक आने पर गठबंधन पर फैसला लेंगे।"
पिछले गठबंधन
पहले कब-कब हुआ है भाजपा और AIADMK में गठबंधन?
AIADMK और भाजपा के बीच कई बार गठबंधन बना और टूटा है।
1998 में AIADMK ने भाजपा के साथ गठबंधन कर 39 में से 30 लोकसभा सीटें जीती थीं। ये गठबंधन अगले साल ही टूट गया।
2004 के लोकसभा चुनावों में फिर दोनों पार्टियां साथ आईं। तब केवल AIADMK ही एक सीट जीत पाई थी।
AIADMK-भाजपा ने 2021 विधानसभा चुनावों में फिर गठबंधन किया, लेकिन दोनों को 75 सीटें ही मिलीं। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया।