LAC पर चीन की वादाखिलाफी, कुछ इलाकों से अभी तक नहीं हटाए सैनिक
चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिक पीछे हटाने पर बनी सहमति का पालन नहीं कर रहा है और तीन जगहों पर उसके सैनिक अभी भी अड़े हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेंगोंग झील के फिंगर्स एरिया, गोगरा और देपसांग में चीनी सैनिक पीछे नहीं हटे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस गतिरोध को खत्म करने के लिए अगले हफ्ते दोनों देशों के सैन्य कमांडर फिर से मिल सकते हैं। अन्य माध्ममों के जरिए भी बातचीत हो सकती है।
इन जगहों पर था तनाव
मई के पहले हफ्ते में आक्रामक रुख अपनाते हुए चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में LAC पर चार जगहों पर आगे आ गए थे। इनमें पेंगोंग झील के पास स्थित फिंगर्स एरिया, गलवान घाटी (PP14), हॉट स्प्रिंग (PP15) और गोगरा (PP17A) शामिल थे। फिंगर्स एरिया और गलवान में तो चीनी सैनिक भारतीय इलाके में दाखिल हो गए थे। गलवान घाटी में ही 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
मध्य जून में चीन ने देपसांग इलाके में भी की घुसपैठ
गलवान घाटी में हिंसा के बाद चीन ने एक और मोर्चा खोल दिया था और उसके सैनिक देपसांग में भारतीय सीमा के अंदर दाखिल हो गए थे। चीन ने देपसांग के बोटलनेक इलाके में भारी मात्रा में अपने सैनिक तैनात कर दिए थे।
गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग में दोनों देशों ने पीछे हटाए सैनिक
सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत के बाद 5 जुलाई को NSA अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री की बातचीत में सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बनी। इस सहमति के तहत दोनों देशों ने पहले गलवान घाटी और फिर हॉट स्प्रिंग में अपने सैनिकों को पीछे हटाया। 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच चार किलोमीटर और हॉट स्प्रिंग में 10 किलोमीटर का फासला है।
अन्य इलाकों में अड़े हुए हैं चीनी सैनिक
हालांकि अन्य इलाकों में चीनी सैनिकों की स्थिति में खास बदलाव नहीं आया है। गोगरा में पहले चरण में थोड़ा पीछे हटने के बाद चीनी सैनिक वहीं जम गए हैं और दोनों देशों के सैनिकों के बीच एक किलोमीटर से भी कम का फासला है। वहीं फिंगर्स एरिया में भी शुरूआत में कुछ सैनिक कम करने के बाद चीनी सैनिक जस के तस बने हुए हैं और फिंगर चार की चोटियों पर उनका कब्जा बरकरार है।
LAC पर अग्रिम मोर्चे पर चीन के 40,000 सैनिक तैनात
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने स्थिति को सामान्य बनाने की कोई पहल नहीं की है और उसने अभी भी LAC पर अग्रिम और गहराई वाले मार्चों पर वायुसेना और तोपों के साथ अपने 40,000 सैनिक तैनात कर रखे हैं। चीन ने हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट पर भारी मात्रा में इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण भी किया है। देपसांग में भी यही हाल है और यहां भी चीनी सैनिक पीछे नहीं हटे हैं।
भारत को बातचीत से उम्मीद
'इंडियन एक्सप्रेस' के सैन्य सूत्रों के अनुसार, अभी सैनिक पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद है और दोनों देशों के बीच एक और सैन्य या कूटनीतिक बातचीत की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस गतिरोध को तोड़ने के लिए अगले हफ्ते दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की बातचीत हो सकती है। वहीं विदेश मंत्रालय ने भी जल्द ही वर्किंग मेकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन (WMCC) की बैठक होने का ऐलान किया है।