चीन के साथ तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, CDS जनरल बिपिन रावत भी साथ
क्या है खबर?
सबको चौंकाते हुए आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख के लेह पहुंच गए। वह चीन के साथ तनाव के बीच पूरी स्थिति का जायजा लेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आज लेह पहुंचना था, लेकिन कल उनके दौरे को टाल दिया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत भी लेह पहुंचे हैं। वह चीन के खतरे से निपटने के लिए जवानों की तैयारी के अलावा सैन्य बातचीत का भी ब्यौरा लेंगे।
बैठक
सेना, वायुसेना और ITBP के कमांडरों के साथ बैठकर कर रहे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानंमत्री मोदी अभी लेह के निमू में हैं जो 11,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। जनरल रावत के अलावा सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी प्रधानमंत्री के साथ हैं।
अभी प्रधानमंत्री सेना, वायुसेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) के कमांडरों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री जवानों से भी मुलाकात करेंगे और 15 जून को गलवान घाटी की हिंसा में घायल हुए जवानों से मिलने अस्पताल भी जा सकते हैं।
ट्विटर पोस्ट
प्रधानमंत्री के दौरे से सभी हैरान
प्रधानमंत्री @narendramodi बहादुर जवानों का हौसला बढ़ाने 11,000 फ़ीट की ऊँचाई पर पहुँचे. लेह में हालात का जायज़ा लिया. मोदी ने एक बार फिर हैरान कर दिया. pic.twitter.com/6kVtllivRX
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) July 3, 2020
संदेश
प्रधानमंत्री के दौरे से जाएंगे दो बड़े संदेश
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से दो बड़े संदेश जाने की उम्मीद है। उनके इस दौरे से जवानों का मनोबल सातवें आसमान पर होगा और इससे जवानों और पूरे देश को साफ संदेश जाएगा कि राजनीतिक नेतृत्व पूरी तरह से सेना के साथ है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से चीन को भी सख्त संदेश जाएगा कि भारत मौजूदा तनाव में पीछे हटने वाला नहीं है और वह किसी भी परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है।
बयान
पहले भी चीन के साथ विवाद पर बयान दे चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी
बता दें कि पिछले हफ्ते रविवार को अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को मुंहतोड़ जबाव देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, "लद्दाख में जिन्होंने भारतीय जमीन की तरफ आंख उठाकर देखने की कोशिश की, उन्हें मुंहतोड़ जबाव मिल गया है। भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर देखना और जरूरत पड़ने पर उचित जवाब देना भी जानता है।"
वह भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ से भी इनकार कर चुके हैं।
विवाद
चार जगहों पर आमने-सामने हैं भारत और चीन की सेनाएं
बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कम से कम चार जगहों पर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। गलवान घाटी, देपसांग और पेंगोंग झील के पास फिंगर्स एरिया में तो चीनी सैनिक भारत की सीमा के अंदर दाखिल हो गए हैं।
चीन एक तरफ अपने सेना को पीछे हटाने और सीमा पर शांति बनाए रखने की बात कह रहा है, वहीं दूसरी तरफ सभी इलाकों में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है।
अलर्ट
चीन के दोहरे रवैये के कारण भारतीय सेनाएं चौंकन्नी
चीन के इसी दोहरे रवैये को देखते हुए भारतीय सेना भी चौंकन्नी है और वह युद्ध जैसी परिस्थितियों के हिसाब से तैयारी कर रही है। सेना ने LAC पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है और चीन के खतरे से निपटने के लिए T-90 टैंक भी LAC पर भेजे हैं।
वायुसेना भी अलर्ट पर है और अटैक हेलीकॉप्टर्स और ड्रोन की मदद से चीन पर नजर रखे हुए है। अंडमान से लेकर अरब की खाड़ी तक नौसेना भी मुस्तैद है।